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लोकसभा चुनाव से पहले 2023 में 9 राज्यों में होगा चुनावी दंगल, क्या 2024 का सेमी फाइनल होगा
साल 2023 में राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे बड़े राज्यों के अलावा पूर्वोत्तर के त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम में भी विधान सभा चुनाव होने हैं.
जम्मू कश्मीर में लगातार की जा रही तैयारियों के बीच यह संभावना जताई जा रही है कि विधानसभा चुनाव कराने के अपने वादे के तहत सरकार इस राज्य में भी अगले साल विधानसभा का चुनाव करवा सकती है. इस तरह से देखा जाए तो 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले 2023 में दस राज्यों में होने वाला चुनावी दंगल यह बताएगा कि देश में राजनीतिक हवा किस दल के पक्ष में बह रही है.
दो राज्यों में कांग्रेस की सरकार
इन दस राज्यों में राजस्थान और छत्तीसगढ़ भी शामिल हैं जहां वर्तमान में कांग्रेस की सरकार है. राजस्थान में अशोक गहलोत मुख्यमंत्री हैं तो वहीं छत्तीसगढ़ में कांग्रेस आलाकमान के करीबी भूपेश बघेल सीएम हैं.
कांग्रेस के लिए 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इन दोनों राज्यों में सरकार बचाए रखना बड़ी चुनौती है. वहीं बीजेपी दोनों राज्यों में कांग्रेस से सीएम की कुर्सी पर अपना कब्जा जमाना चाहती है. इसलिए बीजेपी ने 2024 लोकसभा चुनाव से पहले देश की जनता को यह राजनीतिक संदेश दे रही है कि कांग्रेस पार्टी का देश में अस्तित्व समाप्त हो चुका है.
कर्नाटक और मध्य प्रदेश बीजेपी की सरकार
इन दस राज्यों में कर्नाटक और मध्य प्रदेश भी शामिल है जहां वर्तमान में बीजेपी की सरकार है. लेकिन इन दोनों राज्यों में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को झटका लगा था. बीजेपी 2018 की तरह इस बार कर्नाटक और मध्य प्रदेश दोनों राज्यों में बहुमत प्राप्त करने से चूकना नहीं चाहती इसलिए पार्टी ने इन दोनों राज्यों में पहले से ही चुनावी तैयारी शुरू कर दी है.
मध्य प्रदेश में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेका था और कमलनाथ राज्य के मुख्यमंत्री बने थे लेकिन कांग्रेस इस सीएम की कुर्सी को संभाल नहीं पाई और ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों के एक खेमा अलग हो गया.बीजेपी की तरफ से शिवराज सिंह चौहान फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने. वर्तमान में ज्योतिरादित्य सिंधिया मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री है और बीजेपी राज्य में पूर्ण बहुमत के साथ चुनाव जीतने का दावा कर रही है.
कर्नाटक में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत नहीं मिला था. त्रिशंकु विधानसभा बनने के बाद राज्यपाल ने सदन में सबसे बड़े दल, बीजेपी के नेता के तौर पर बी.एस. येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई लेकिन बहुमत का साबित नहीं कर पाने के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.
कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार का किया था गठन
इसके बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर राज्य में सरकार का गठन किया. राजनीतिक परिस्थितियों में बदलाव के बाद बीजेपी ने राज्य में 2019 में सरकार का गठन कर येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाया. लेकिन 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति के मद्देनजर 2021 में ही राज्य में नेतृत्व परिवर्तन कर बी एस येदियुरप्पा की जगह बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बना दिया.
बीजेपी के आलाकमान की नजर में येदियुरप्पा अहम
येदियुरप्पा की सांगठनिक क्षमता और पूरे कर्नाटक में उनके राजनीतिक प्रभाव को देखते हुए बीजेपी के आलाकमान ने उन्हें पार्टी के फैसले लेने वाली सर्वोच्च और सबसे ताकतवर संस्था संसदीय बोर्ड का सदस्य बना कर कर्नाटक की जनता को यह साफ संदेश भी देने का प्रयास किया कि प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष नड्डा की नजर में येदियुरप्पा कितने महत्वपूर्ण नेता है.
इससे यह भी जाहिर होता है कि दक्षिण भारत के जिस राज्य कर्नाटक में सबसे पहले बीजेपी की सरकार बनी उस कर्नाटक का 2023 में होने वाला विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए कितना मायने रखता है.
बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी दल एक साथ
तेलंगाना में वर्तमान में टीआरएस की सरकार है और के. चंदशेखर राव मुख्यमंत्री हैं. जो 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर बड़ा मोर्चा तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन बीजेपी 2023 में उनके ही गढ़ तेलंगाना में उन्हें चुनाव हराने का दावा कर रही है.
त्रिपुरा में बीजेपी ने मुख्यमंत्री के चेहरे में किया था बदलाव
पूर्वोत्तर राज्यों की बात करें तो 2023 में त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम में विधानसभा का चुनाव होना है. त्रिपुरा में वर्तमान में बीजेपी की सरकार है और चुनावी रणनीति के तहत त्रिपुरा में बीजेपी ने मुख्यमंत्री के चेहरे में बदलाव किया है. वहीं मेघालय और नागालैंड में बीजेपी समर्थित सरकार सत्ता में है तो वहीं मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट की सरकार है.
जम्मू-कश्मीर में अगले साल हो सकते हैं विधानसभा चुनाव
जम्मू-कश्मीर में अगले साल विधानसभा चुनाव होने की संभावना है जहां बीजेपी लगातार अपने जनाधार और संगठन को मजबूत बनाने का प्रयास कर रही है. ताकि जम्मू-कश्मीर में पहली बार अपने दम पर सरकार का गठन कर पूरे देश की जनता को एक राजनीतिक संदेश दिया जा सके.