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पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 2017 से लगभग साढ़े चार साल तक CM के रुप में बिताया। तबसे "सिद्धू" भी इसी केबिनेट का ही हिस्सा हैं। सिद्धू ने अगस्त 2018 को जनरल बाजवा को गले लगाया था। और इस वक्त सितंबर 2021 चल रहा है।
गौर करने वाली बात यह है कि इस बीच कैप्टन साहब ने कभी भी सिद्धु का विरोध नही किया। और ना ही कभी सिद्धू को देश द्रोही कहा।
फिर अचानक से सिद्धु को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया जाता है, और स्वयं "कांग्रेस" के द्वारा ये खबर फैलाई जाती है कि 2022 के चुनाव में" सिद्धु" ही CM का चेहरा होंगे।
बस फिर अचानक से कैप्टन साहब की देशभक्ति जग गई और वे कहने लगे कि अरे !! "पाकिस्तान" से चोरी छुपे ड्रोन द्वारा भारत मे हथियार आ रहे हैं, ये सिद्धू तो पाकिस्तान का यार है। उन्होने तो यहाँ तक कह दिया कि सिद्धू देश विरोधी है। यहाँ तक सब ठीक है।
गड़बड़ी यहाँ है :-
1:- मान लो सिद्धू CM का चेहरा थे तो CM अमरिंदर के "इस्तीफे" के बाद उन्हे "CM" क्यो नही बनाया गया ?????
2:- साढे चार साल तक "सरकार" में भागीदर बनने के बाद सिद्धू ठीक थे, फिर चुनाव आने से पहले वो "देश विरोधी" कैसे और क्यों हो गये,, कैप्टन साहब की नजर में ???
3:- पहले हवा बनाया गया कि कैप्टन साहब दिल्ली जा रहे हैं अमित शाह और नड्डा जी से मिलने, भाजपा को ज्वाइन करने के लिये। ठीक इनके दिल्ली पहुचते ही सिद्धू का ये इस्तीफा क्यों आया ???
जहाँ तक हमे लगता है तो ये सब कैप्टन और राजमाता की मिली भगत है। सारी "स्क्रिप्ट" इन "दोनो" ने मिलकर तैयार करी है। और बलि का बकरा बनाया सिद्धू को।
चुनाव नजदीक है, और कैप्टन की ही अगुवाई मे ही लडा जायेगा। पर "कैप्टन" जीतेंगे कैसे ?? "कैप्टन" के अगुवाई वाली कांग्रेस राज में पंजाब में विकास लुल्ल और नशे में पंजाब एकदम फुल्ल।
ऐसे मे दोबारा पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिये कैप्टन साहब को "देश भक्त" बनाने की जरुरत है। पर ये देश भक्त बनेंगे कैसे ???
चरणजीत सिंह चन्नी तो क्षण भर के CM है, बाकी सिद्धु साहब को तो कैप्टन साहब ने देश द्रोही कहकर पार्टी छोड देने की नौटंकी कर ही ली है। अब पूरे भारत में कैप्टन से बडा देश भक्त रहा ही कहाँ कोई ????
जरुरत बस इतनी थी कि कैप्टन के जिद्द की जीत हो जाये और सिद्धू देश का गद्दार बनकर पार्टी से बाहर हो जाये, और तब दिखावटी रुप मे कैप्टन साहब से माफी वाफी माँग कर इन्हे पंजाब का CM दोबारा बना दिया जाये।
और इसी के साथ कैप्टन साहब बन जायेंगे बडके देशभक्त और इसी के साथ पंजाब चुनाव वापस भी जीत सकते हैॆ।
सिद्धू जैसे अतिउत्साही लोग तो किसी भी पार्टी में युज & थ्रो का ही रोल बनने के अधिकारी हैॆ। ना ही यहाँ कामेडी शो करना है और ना बाल पर बैट चलाना है, ये राजनीति है यहाँ सारा काम माइंड से होता है, जो सिद्धू मे है नही।
शाम तक हमे भी लगा कि कैप्टन साहब वाकई देश भक्त हैं और "भाजपा ज्वाइन" करेंगे। लेकिन एन "वक्त" पर ही सिद्धु का इस्थीपा और कैप्टन साहब का यह कहना कि मै किसी पार्टी को ज्वाइन नही करुँगा और जीवन भर कांग्रेस की सेवा करुँगा, मेरी सोच को बदलने के लिये काफी है।
- कुलदीप श्रीवास्तव