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ढूध का धुला कोई नही, अटल सरकार में कोयला घोटाला में तत्कालिन मंत्री गए जेल

Shiv Kumar Mishra
28 Oct 2020 2:21 PM GMT
ढूध का धुला कोई नही, अटल सरकार में कोयला घोटाला में तत्कालिन मंत्री गए जेल
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पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे को तीन साल का कारावास

संजय रोकड़े

कोयला घोटाले का जिक्र जब भी सामने आता है तब सबसे पहले मनमोहन सिंह सरकार का कार्यकाल की याद आती है लेकिन हैरानी तो तब होती है जब सबसे बड़े ईमानदार नेता के रूप में पहचाने जाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में कोयला मंत्री रहे दिलीप रे को सीबीआई की एक विशेष अदालत कोयला घोटाला में 3 साल के कारावास की सजा सुनाती है।

बड़ी हास्यास्पद खबर सामने आई है कि जिस अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार पर ईमानदार होने का तमगा लगा था उसी सरकार में घोटाले भी हुए है। हाल ही में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने कोयला घोटाला मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे को 3 साल के कारावास की सजा सुनाई। यह मामला 1999 में झारखंड के गिरडीह में 'ब्रह्मडीह कोयला ब्लॉक' के आवंटन में कथित अनियमितता से संबंधित था।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार में मंत्री रहे दिलीप रे को दिल्ली की अदालत ने मंगलवार को कोयला घोटाला के एक केस में दोषी करार दिया था।

विशेष न्यायाधीश भारत पारसकर ने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कोयला राज्यमंत्री रहे रे को एक आपराधिक साजिश और अन्य अपराधों को लेकर दोषी ठहराया था। अदालत ने कोयला मंत्रालय के तत्कालीन दो वरिष्ठ अधिकारी, प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्यानंद गौतम, कैस्ट्रोन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (सीटीएल), इसके निदेशक महेंद्र कुमार अग्रवाल और कैस्ट्रॉन माइनिंग लिमिटेड (सीएमएल) को भी दोषी ठहराया है।

अब इस बात से अंदाजा लगा सकते है कि जो लोग वर्तमान सरकार को दूध का धूला बता रही है, इस सरकार के जाने के बाद कितने घोटाले सामने आएगें कहा नही जा सकता है। देश के सरकारी उपकरणों को तो ये अपने चहेते उद्योगपतियों को ओने-पोने दामों में बेच चुकी है।

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