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आईफा ने भी भरी हुंकार, वैश्विक मानवता के हित में "WTO" कोविड वैक्सीन को तत्काल करे पेटेंट मुक्त

आईफा ने भी भरी हुंकार, वैश्विक मानवता के हित में WTO कोविड वैक्सीन को तत्काल करे पेटेंट मुक्त
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मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अश्विनी महाजन ने कहा कि आज वैश्विक मानवता कोविड -19 के रूप में एक अभूतपूर्व संकट व त्रासदी का सामना कर रही है।

नई दिल्ली। 'पेटेंट फ्री वैक्सीन' हेतु बीस जून को विश्व जागृति दिवस संकल्प कार्यक्रम का आयोजन किया गया। देश भर में स्वदेशी जागरण मंच, यू वी ए एम टीम, व अन्य समाजसेवी संस्थाओं से जुड़े सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने (अनेक स्थानों में) कोविड वैक्सीन को सर्व सुलभ बनाने के लिए इसे पेटेंट मुक्त करने के लिए पोस्टर्स व बैनर हाथ में लेकर इसमें भाग लिया। इस अवसर पर आयोजित एक महत्वपूर्ण 'राष्ट्रीय वर्चुअल कांफ्रेंस ' में आमंत्रित वक्ता के रूप में बोलते हुए 'अखिल भारतीय किसान महासंघ' (आईफा) के राष्ट्रीय संयोजक डॉ राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि विश्व व्यापार संगठन को समग्र मानवता के हित में सभी कोविड वैक्सीन को तत्काल करे पेटेंट मुक्त कर हर व्यक्ति को सहजता से उपलब्ध करवाना ही चाहिए।

पंद्रह जून की बैठक में अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा) ने भी देश हित में इस महत्वपूर्ण अभियान को पूरा समर्थन देने का निर्णय लिया है। डॉक्टर त्रिपाठी ने डॉ अश्विनी महाजन से कहा कि स्वदेशी जागरण मंच तथा अन्य सभी समाजसेवी संगठनों को आज देश हित में देश के किसानों की समस्याओं पर भी तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। सभी मिलकर सरकार पर यह दबाव डालें कि यह तीनों कार्पोरेट्सपरस्त कानून तत्काल वापस लिए जाएं एवं किसानों को उनके उत्पादन का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने हेतु प्रभावी सक्षम कानून शीघ्र अतिशीघ्र लाया जाए।

मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अश्विनी महाजन ने कहा कि आज वैश्विक मानवता कोविड -19 के रूप में एक अभूतपूर्व संकट व त्रासदी का सामना कर रही है। पिछले लगभग एक वर्ष में दुनिया भर में 37 लाख से अधिक और भारत में 3.4 लाख से अधिक लोगों की कोविड-19 से असमय मृत्यु हो गई है। इज़राइल, यूएस, यूके, नॉर्वे देशों ने अपनी वयस्क आबादी के बहुमत का टीकाकरण करके ताजा संक्रमण और कोरोना से होने वाली मौतों को नियंत्रित किया है।

लोगों को कोरोना से बचाने के लिए दुनिया को करीब 14 अरब वैक्सीन डोज की जरूरत है, जबकि पिछले लगभग 6 महीनों में सभी आठ फार्मा कंपनियों द्वारा कोविड टीकों की केवल 200 करोड़ डोज का ही उत्पादन किया जा सका है। वर्तमान दर के अनुसार दुनिया की शेष आबादी को टीका लगने में 2-3 साल और लग सकते हैं, जबकि पहले से ही टीका लगाए गए लोगों को पुनः नए कोरोना वेरिएंट से संक्रमित होने से बचाने के लिए 10-12 महीनों के समय में सभी देशों की योग्य आबादी का टीकाकरण करना जरूरी है। इसका अर्थ है 'कोई भी तब तक सुरक्षित नहीं रहेगा जब तक कि सभी सुरक्षित न हौं' ।

कोविड टीकों के बड़े पैमाने पर उत्पादन में मुख्य रुकावट विश्व व्यापार संगठन के ट्रिप्स के प्रावधानों के तहत आने वाले पेटेंट कानून और बौद्धिक संपदा अधिकार भी हैं जो अन्य फार्मा कंपनियों को इन टीकों के निर्माण की अनुमति नहीं देते हैं। दुनिया की 7.87 अरब आबादी को कोरोना के चंगुल से बचाने के लिए वैक्सीन और दवाओं का उत्पादन बढ़ाने के लिए पेटेंट कानूनों में ढील देने की जरूरत है।

UAVM (यूनिवर्सल एक्सेस टू वैक्सीन एंड मेडिसिन) अभियान सभी के लिए कोविड वैक्सीन उपलब्ध कराने हेतु उच्च शिक्षा संस्थानों और स्वदेशी जागरण मंच जैसे सामाजिक संगठनों के सदस्यों के द्वारा दो अनलाइन याचिकाओं के माध्यम से दुनिया भर में शुरू किया गया है, एक याचिका कुलपति या समकक्ष जैसे प्रख्यात व्यक्तियों के लिए, और दूसरी अन्य लोगों के लिए | पहली याचिका पर देश के 2000 से अधिक प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने हस्ताक्षर किए हैं और दूसरी याचिका पर भारत और विदेशों से 14 लाख से अधिक व्यक्तियों द्वारा 16 जून तक हस्ताक्षर किए गए हैं। इन याचिकाओं के माध्यम से अपील की गई है कि।

(1) विश्व व्यापार संगठन पेटेंट फ्री वैक्सीन के लिए ट्रिप्स के प्रावधानों में छूट दे। (ii) वैश्विक दवा कंपनियां स्वैच्छिक रूप अन्य फार्मा कंपनियों को कोविड-19 के टीके बनाने की प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सहित पेटेंट-मुक्त अधिकार दे, (iii) सरकारें अपने संप्रभु अधिकारों का प्रयोग कर अधिक दवा फर्मों को टीके बनाने का लाइसेंस दे, और (iv) सम्बंधित व्यक्ति और संगठन मानवता हेतु इस अभियान का समर्थन करें।

इस मुद्दे पर अधिक जागरूकता और समर्थन सुनिश्चित करने हेतु 20 जून, 2021 को देश भर में विश्व जागृति दिवस के रूप में मनाया गया । इसी तारतम्य में कोंडागांव में भी कोरोना के मापदंडों का पालन करते हुए समाज के विभिन्न वर्गों ने पोस्टर लेकर भाग लिया जिसमें मुख्य रूप से आदिवासी शोध तथा कल्याण संस्थान के ब्रजेश तिवारी, संपदा समाजसेवी संस्थान की जसमती नेताम तथा शिप्रा दीदी, वरिष्ठ साहित्यकार मधु तिवारी, मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के अनुराग कुमार, एडवोकेट अपूर्वा , प्रियल, शंकर नाग, कृष्णा नेताम, रमेश पंडा, बलई चक्रवर्ती आदि ने सक्रिय भागीदारी की।

डॉ राजाराम त्रिपाठी

राष्ट्रीय संयोजक(अखिल भारतीय किसान महासंघ)

www.farmersfederation.com

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