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क्या पेगासस मामले में विपक्ष के सवालों को खारिज करना केंद्र सरकार की बौखलाहट तो नहीं..
नई दिल्ली : केंद्र ने इस सप्ताह की शुरुआत में राज्यसभा सचिवालय को पत्र लिखकर मांग की थी कि माकपा सांसद बिनॉय विश्वम द्वारा 12 अगस्त को उच्च सदन में उत्तर दिए जाने वाले "अस्थायी रूप से स्वीकृत प्रश्न" (PAQ) की अनुमति नहीं दी जाए।
कहीं यह केंद्र सरकार की बौखलाहट तो नहीं है जो जवाब दे रही क्योंकि केंद्र सरकार लगातार ऐसे सवालों से अपना ही पीछा छोड़ती रही है।
पत्रकारों, कार्यकर्ताओं के फोन हैक करने के लिए अपने पेगासस स्पाइवेयर के दुरुपयोग पर वैश्विक विवाद के मध्य प्रदेश में केंद्र ने राज्यसभा में इस सवाल को खारिज करने की मांग की कि क्या सरकार ने इजरायली साइबर सुरक्षा फर्म एनएसओ समूह के साथ अनुबंध किया है या नहीं? राजनेताओं का कहना है कि "सुप्रीम कोर्ट में कई जनहित याचिकाएं दायर किए जाने के बाद" "पेगासस का चल रहा मुद्दा" विचाराधीन है।
केंद्र ने इस सप्ताह की शुरुआत में राज्यसभा सचिवालय को पत्र लिखकर मांग की थी कि माकपा सांसद बिनॉय विश्वम द्वारा 12 अगस्त को उच्च सदन में उत्तर दिए जाने वाले "अनंतिम रूप से स्वीकृत प्रश्न" (PAQ) की अनुमति नहीं दी जाए।
विश्वम ने कहा, "मुझे अनौपचारिक रूप से सूचित किया गया है कि मेरे प्रश्न को अस्वीकार कर दिया गया था, लेकिन मुझे अभी तक औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है … सरकार राज्यसभा के नियमों का दुरुपयोग कर रही है और सच्चाई पर एक अलग रुख अपना रही है। उन्हें पेगासस के मुद्दे पर सवालों का सामना करना होगा"