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नई दिल्ली शुक्रवार 14 सितंबर: क्या प्रशांत किशोर का रास्ता बदल रहा है? यह बड़ा सवाल तब उठा जब चुनावी रणनितकार प्रशांत किशोर ने संकेत दिया कि वह अब किसी भी राजनैतिक पार्टी से जुड़कर काम नहीं करेंगें. साथ ही 2019 के लोकसभा चुनाव में अब वो किसी राजनैतिक दल के लिए फ्री लांसर की तरह कार्य नहीं करेंगे.
2014 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 2015 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बड़ी जीत में अहम भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर ने रविवार को अपने पहले पब्लिक संवाद में हैदराबाद स्तिथ इंडियन स्कूल ऑफ़ बिजनिश में यह साफ़ कर दिया कि आज की तारीख में न तो वह कांग्रेस के लिए काम कर रहे है न ही बीजेपी के लिए. अब वह जनता के बीच जाकर ग्रास लेवल पर कार्य करेंगें जो उनका अब तक का पसंदीदा काम है.
तो अब कौन सा रास्ता चुनेगें प्रशांत किशोर ? क्या राजनीत में डायरेक्ट एंट्री होगी? हालांकि उन्होंने अभी राजनीत में सीधे प्रवेश के भी संकेत नहीं दिए इस बात की भी मनाही कर दी है.जिससे साफ़ संकेत मिल रहे है कि अब उनका रास्ता बदल रहा है.
बिहार पर रहेगा फोकस
प्रशांत किशोर का रास्ता क्या होगा इस बारे में कई भले ही अनुमान हों लेकिन यह तय है कि वो बिहार पर सबसे जायदा फोकस करेंगे. उनसे जब पूंछा गया कि आप पब्लिक लाइफ में देश के किस हिस्से में काम करना चाहते है तो उन्होंने पूर्व अनुभव के आधार पर गुजरात और बिहार का नाम लिया. ऐसे में उनका नया कर्म क्षेत्र बिहार राज्य हो सकता है. अगर राजनीती में आने को कोई ठिकाना होगा तो जदयू हो सकता है. हालांकि उन्होंने अभी किसी पार्टी से जुड़ने के भी संकेत नहीं दिए है.