राजनीति

मध्य प्रदेश में मोदी का कांग्रेस पर हमला कहा, फर्जी वादे काम नहीं आयेंगे, आखिर फर्जी वादे किसके?

मध्य प्रदेश में मोदी का कांग्रेस पर हमला कहा, फर्जी वादे काम नहीं आयेंगे, आखिर फर्जी वादे किसके?
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Modi attacks Congress in Madhya Pradesh, says fake promises will not work, after all whose fake promises


आज के अखबारों के पहले पन्ने से एक केंद्रीय मंत्री के बेटे के सैकड़ों करोड़ के लेन-देन की खबर लगभग गायब है। दूसरी ओर, ईडी का यह आरोप (नवोदय टाइम्स) में नजर आया, “लालू के सहयोगी कत्याल ने हासिल किये कई भूखंड”। मतलब अभी तक नेताओं, उनके परिवार और करीबी लोगों पर आरोप लगता था अब अनजाने सहयोगियों पर भी ईडी आरोप लगा रहा है। चुनाव जीतने के लिए ईडी को भी ‘परिवार’ का हिस्सा बना लेना किसी भी तरह जायज ठहराया जा सकता हो तो मैं नहीं जानता लेकिन उससे आरोप लगवाना और वह भी पहले पन्ने पर छप जाये तो एंटायर पॉलिटिकल साइंस से संबद्ध पत्रकारिता के नए पाठ्यक्रम का नाम मैं नहीं जानता। ऐसा नहीं है कि तोमर परिवार पूरी तरह गायब हैं, हिन्दुस्तान टाइम्स ने लालू के सहयोगी की तो नहीं, मंत्री पुत्र की खबर पहले पन्ने पर सिंगल कॉलम में छापी है। ईडी से आरोप लगवाने की राजनीति इस चुनाव में ही शुरू हुई है और संभव है यह हारते को तिनके का सहारा हो। हालांकि, इसकी पुष्टि चुनाव परिणाम से ही हो सकेगी।

कहने की जरूरत नहीं है कि लालू यादव चुनाव नहीं लड़ रहे हैं और ना बिहार में चुनाव है। फिर भी लालू यादव का मामला नवोदय टाइम्स के (दूसरे) पहले पन्ने पर है तो इसका कारण है। खबरों से लग रहा है कि इस चुनाव में प्रधान प्रचारक की भूमिका अमित शाह निभा रहे हैं। ऐसा मैं यूं ही नहीं कह रहा हूं। दरअसल टाइम्स ऑफ इंडिया की आज की लीड चार कॉलम में है और अमित शाह की फोटो तो है ही, शीर्षक है - कांग्रेस के खिलाफ मजबूत करंट, भाजपा हिन्दी पट्टी के तीनों राज्यों में चुनाव जीतेगी। इंट्रो है, प्रधानमंत्री तीसरा कार्यकाल और भी बड़े अंतर से जीतेंगे। यह सब अमित शाह ने कहा है और गृहमंत्री ने कहा है तो यह उनका आत्मविश्वास ही नहीं, चुनाव लड़ने का कौशल और सरकारी एजेंसियों के उपयोग की क्षमता पर भी निर्भर हो सकता है। इसलिए उन्होंने कहा है तो खबर है और जब खबर है तो यह भी भाजपा या केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव का भी प्रचार कर रही है। उसका भी जायजा ले रही है।

टाइम्स ऑफ इंडिया में इसी के साथ खबर है कि चीन से संबंधित एक टिप्पणी के लिए मोदी ने राहुल गांधी को मूर्खों का सरदार कहा है। लेकिन इंडियन एक्सप्रेस में पहले पन्ने की खबर है, केजरीवाल को चुनाव आयोग का नोटिस। एक कॉलम की खबर के सात लाइन के शीर्षक में बताया गया है कि प्रधानमंत्री पर आम आदमी पार्टी का ट्वीट अपमानजनक, निन्दात्मक है। इस खबर का उपशीर्षक है, चुनाव आयोग ने प्रियंका गांधी को भी नोटिस जारी किया है। मुझे लगता है कि यह बड़ी और नई खबर है। इसे और प्रमुखता मिलनी चाहिये थी। वैसे भी दस साल के मोदी शासन के बाद जिस ईडी के लिए केंद्रीय मंत्री के बेटे के सैकड़ों करोड़ मायने नहीं रखते हैं और निर्वाचित जनप्रतिनिधि कुछ करोड़ के कथित लेन देने के आरोप में जेल में हैं उस सरकार में अगर प्रियंका गांधी को ईडी का नहीं चुनाव आयोग का नोटिस मिला है तो बहुत कुछ कहता है। वैसे ही जैसे महुआ मोइत्रा के खिलाफ एथिक्स यानी नैतिकता के मामले को आपराधधिक मामला बना दिया गया और जांच या साबित होने से पहले ही निलंबन की सिफारिश कर दी गई। हालांकि यह अलग मामला है।

खासकर तब जब अदाणी के मामले में जांच करने की फुर्सत नहीं है और इंडियन ए्क्सप्रेस ने आज साइप्रस में निवेशकों को मिलने वाली गोपनीयता और गोल्डन पासपोर्ट की नई जानकारी दी है। खोजी पत्रकारों के अंतरराष्ट्रीय संघटन के साथ इंडियन एकस्रेस की खोज के अनुसार गोपनीयता के साथ ही यहां टैक्स नहीं लगता है और इसलिए भारत के लोग लाइन लगाते हैं। इस खबर के जरिये वैश्विक निवेशकों और भारतीय कॉरपोरेट के विदेशी धन प्रवाह पर पड़ा एक और पर्दा हट गया है। अखबार ने लिखा है कि यह उन पैसे वाले भारतीयों और अनिवासी भारतीयों की पसंदीदा जगह है जो कानून के लंबे हाथों से दूर आरामदेह जीवन जीना चाहते हैं। इस समूह की खबरों में एक खबर के अनुसार, गोल्डन पासपोर्ट पाने वाले 66 भारतीय हैं और इनमें से तीन लोगों के नाम प्रमुखता से लिये गये हैं। ये हैं - पंकज ओसवाल, सुरेन्द्र हीरानंदानी और विनोद अदाणी। इनमें पंकज ओसवाल के बारे में बताया गया है कि नागरिकता मिलने के बाद उन्होंने अपनी फर्म बंद कर दी। सुरेन्द्र हीरानंदानी का साइप्रस का पासपोर्ट दो महीने में मंजूर हो गया और विनोद अदाणी सबसे अमीर भारतीयों में से एक, गौतम अदाणी के भाई हैं।

अमर उजाला ने चुनाव आयोग के स्पष्टीकरण मांगने को चार कॉलम के बराबर तीन कॉलम में छापा है। मुख्य शीर्षक है, पीएम के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी पर आप को नोटिस। उपशीर्षक है, आचार संहिता उल्लंघन : चुनाव आयोग ने कल तक मांगा है उत्तर। इसी शीर्षक और उपशीर्षक से एक अलग खबर है, प्रियंका से भी जवाब तलब। यहां गौर करने लायक बात यह है कि अव्वल तो भाजपा नेताओं से जवाब तलब होता ही नहीं है और संभव है दूसरे दल भाजपा की तरह चुनाव आयोग से शिकायत नहीं करते हों या फिर चुनाव आयोग जवाब तलब करता भी हो तो उसकी खबर प्रमुखता से नहीं छपती हो। जो भी हो, मामला गौर करने लायक तो है और कायदे से एक खबर इसपर भी हो सकती है। उसपर फिर कभी। आर्थिक घपलों-घोटालों से संबंधित खबर और ‘ना खाऊंगा ना खाने दूंगा’ के प्रचार की वास्तविकता का आज अंश यही है।

आइए, अब प्रदूषण का हाल और उससे संबंधित खबरों पर गौर करें। अमर उजाला ने दिल्ली में प्रदूषण और उससे संबंधित खबरों को भी पहले पन्ने पर रखा है। प्रदूषण से संबंधित खबरों में महत्वपूर्ण बात यह है कि, सोनिया गांधी प्रदूषण से बचने के लिए जयपुर चली गई हैं। और कुछ दिन वहीं रहेंगी। सोनिया गांधी राजनीतिज्ञ हैं और चुनाव का समय है तो इस निजी मामले को राजनीतिक चश्मे से देखा जा सकता है। देखने वाले देखें पर यह वास्तविकता भी है और संभव होता तो मैं भी दिल्ली से दूर कहीं और चला जाता। लेकिन मुद्दा वह नहीं है। मुद्दा यह है कि सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है और अखबार भी सरकारी रुख के समर्थन में सच नहीं बता रहे हैं। इसपर मैं कल लिख चुका हूं।

आज सिर्फ तथ्य और अमर उजाला की खबर के अनुसार, एनसीआर की हवा फिर खराब हो गई है। दिल्ली में एक्यूआई 400 पार कर गया है। और बात सिर्फ दिल्ली की नहीं है। अमर उजाला की ही एक और खबर के अनुसार, आठ राजधानियों की हालत भी बिगड़ी। ऐसे में सरकारी पार्टी और सरकार समर्थक कहें कि दीवाली पर पटाखे चलाना सामान्य है, उसपर रोक की जरूरत नहीं है या उचित नहीं है और लोगों को समझाने-बताने की बजाय खुद भी प्रतिबंध के बावजूद पटाखे चलायें तो आप समझ सकते हैं कि कैसी राजनीति हो रही है। दिल्ली में प्रदूषण की खबर हिन्दुस्तान टाइम्स में पहले पन्ने से पहले के अधपन्ने पर है, टाइम्स ऑफ इंडिया में दिल्ली पोल्यूशन कंट्रोल कमेटी (डीपीसीसी) की मांग है और एक अन्य खबर का शीर्षक है, हवा की गुणवत्ता बुत खराब में भी ऊपरी सिरे पर।

प्रदूषण के मामले में इसके बाद की स्थिति खतरनाक होती है जिसे हम दीवाली के दिन पार कर चुके हैं। इन और ऐसी खबरों के बीच प्रधानमंत्री भी चुनाव प्रचार कर रहे हैं और चूंकि उनके पास अपना या अपनी पार्टी का किया बताने के लिए कुछ है नहीं, जो करने के लिए कहा था वो दस साल में कर नहीं पाये हैं तो कह रहे हैं और हिन्दुस्तान टाइम्स ने पहले पन्ने पर छापा है, मध्य प्रदेश में मोदी ने कांग्रेस पर हमला बोला। कहा, फर्जी वादे काम नहीं आयेंगे। कहने की जरूरत नहीं है कि राहुल गांधी सीधे कह चुके हैं कि प्रधानमंत्री झूठ बोलते हैं, शर्म नहीं आती है तो जवाब में उन्होंने राहुल गांधी को मूर्खों का सरदार कहा है। यह अलग बात है कि हिन्दुस्तान टाइम्स को क्या महत्वपूर्ण लगा और क्या पहले पन्ने पर छपा।


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