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मोदी सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील नहीं : अन्ना हजारे
अन्ना हजारे ने कहा कि पिछले चार सालों से किसानों की महत्त्वपूर्ण माँगो पर मै आन्दोलन कर रहां हूँ। कई बार देश के प्रधानमन्त्री तथा कृषिमन्त्री के साथ पत्राचार भी हुआ हैं। लेकिन ऐसा दिख रहा हैं की, सरकार किसानों के मुद्दे पर उचित निर्णय नहीं कर रही हैं। सरकार के पास किसानों के प्रति संवेदनशीलता नहीं हैं। इसलिए मैं ने 23 मार्च 2018 को दिल्ली के रामलिला मैदान पर अनशन किया। उस वक्त प्रधानमन्त्री कार्यालय द्वारा 29 मार्च 2018 को मुझे लिखित आश्वासन दिया। उसमें स्वामिनाथन आयोग की शिफारिसें, कृषिमूल्य आयोग को संवैधानिक दर्जा तथा स्वायत्तता देना और कृषी उपज को लागत मूल्य पर 50 प्रतिशत बढ़ाकर सी-2 में 50 प्रतिशत मिलाकर MSP (किमान समर्थन मूल्य) देने के बारें में उच्चाधिकार समिती का गठ़न करने का आश्वासन दिया था। लेकिन सरकारने इस आश्वासन का अनुपालन नहीं किया। (C-2 में कृषी उपज के लिए जो भी खर्चा आता हैं, जिस में किसान और उसके परिवार का श्रम मूल्य, यंत्र का खर्चा, बीज, खाद, बिजली, सिंचाई, लँड रेव्हेन्यू, कीटकनाशक, तणनाशक, विडींग, प्लोईंग, हार्वेस्टिंग इसका पुरा खर्चा शामिल किया जाता हैं।)
अन्ना हजारे ने कहा कि इसलिए मुझे फिर 30 जनवरी 2019 से रालेगणसिद्धी में अनशन करना पड़ा। इस आन्दोलन के दौरान 5 फरवरी 2019 के दिन केंद्रीय कृषिमन्त्री और महाराष्ट्र के तत्कालिन मुख्यमन्त्री ने रालेगणसिद्धी में आ कर चर्चा की। 6 घंटों की चर्चा के बाद जो निर्णय हुए उसके बारें में फिर मुझे लिखित आश्वासन दिया गया। लेकिन उस पर आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई हैं। आश्वासन यह वचन होता हैं। और देश की सरकार वचन (आश्वासन) का पालन नही करेगी तो इस देश और समाज को कैसे उज्वल भविष्य मिलेगा? यह प्रश्न हैं। आज भी देश में किसान आत्महत्या कर रहा हैं। किसानों के कृषि उपज को सही दाम नहीं मिलता। केंद्र सरकारने यह तो कहां हैं की, उन्होने स्वामिनाथन आयोग की शिफारिसें स्विकार ली हैं। लेकिन वास्तव यह हैं की, उस पर अमल नहीं हो रहा हैं। जब तक किसानों को कृषि उपज के लागत मूल्य पर आधारित सी-2 (लागत मूल्य का सभी खर्चा) में 50 प्रतिशत बढ़ाकर दाम नहीं मिलेंगे तब तक किसानों को राहत नहीं मिलेगी।
अन्ना हजारे ने कहा कि हमारी मांगे हम बार बार केंद्र सरकार के पास रख रहें हैं। पिछले तिन महिनों में प्रधानमन्त्री और कृषि मन्त्री जी को मैने पाँच बार पत्र लिखा हैं। सरकार के प्रतिनिधि यहां आ कर चर्चा कर रहें हैं। लेकिन अब तक मांगों पर कोई उचित समाधान नहीं निकला हैं। इसलिए मैं 30 जनवरी 2021 महात्मा गांधीजी पुण्यतिथि के दिन से रालेगणसिद्धी के यादवबाबा मंदिर में अनशन शुरू कर रहां हूँ। सभी कार्यकर्ताओं को मेरा नम्र निवेदन हैं कि, रालेगणसिद्धी में मैं अकेला आन्दोलन करुंगा। जो कार्यकर्ता आन्दोलन को समर्थन देना चाहते हैं, उन्होने अपने गाँव, तहसिल तथा जिलाधिकारी कार्यालय पर शान्तिपूर्ण और अहिंसात्मक तरिके से आन्दोलन करना हैं। अभी भी कोरोना की स्थिती ठिक नहीं हैं। संसर्ग का धोखा नहीं टला हैं। इसलिए रालेगणसिद्धी में तथा अन्य जगहों पर भीड़ करना ठिक नहीं होगा।
अन्ना हजारे ने कहा कि दिल्ली में जो किसान आन्दोलन शुरू हैं, इसमें 26 जनवरी के दिन जो घटना हुई हैं उससे हम सब दुखी हैं। मैं हमेशा अहिंसात्मक और शान्तिपूर्ण आन्दोलन चाहतां हूँ। पिछले 40 साल से मैंने कई बार आन्दोलन किया हैं। 2011 में दिल्ली में जो लोकपाल आन्दोलन हुआ उसमें देश की लाखों की संख्या में जनता शामिल हुई थी। लेकिन किसीने एक पत्थर तक नहीं उठाया था। शान्ति यह आन्दोलन की शक्ति होती हैं, यह गांधीजी ने हमें सिखाया हैं। किसी भी तरह आन्दोलन में हिंसा नहीं होनी चाहिए। यह सभी कार्यकर्ताओं के लिए नम्र निवेदन हैं।