- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
नामदार परिवार पिकनिक के लिए देश के युद्धपोत का इस्तेमाल करते हैं– पीएम मोदी
मध्य प्रदेश। लोकसभा चुनाव का 7वां चरण का मतदान 19 मई को है। वही आज मध्य प्रदेश के रतलाम में जनसभा को संबोधित करते पीएम मोदी ने कांग्रेस सरकार पर एक अलग अंदाज में करारा हमला बोला और कहां कि ये हमारे संस्कार हैं, ये रतलाम के संस्कार हैं, कि हम मां भारती के वंदन से अपना काम शुरु करते हैं। लेकिन हमेशा याद रखिएगा, कांग्रेस को भारत माता की जय से दिक्कत है। उन्हें मुझे गाली देने में खुशी होती है लेकिन भारत माता की जय नहीं बोल सकते। देश गाली भक्ति से चलेगा या राष्ट्रभक्ति से चलेगा। नामदार भाषण की शुरुआत की गाली से करते हैं। कांग्रेस का नामदार परिवार पिकनिक के लिए देश के युद्धपोत का प्रयोग करता है। और जब सवाल उठते हैं तो निर्लज्ज होकर बेपरवाह बीना डर के जवाब देते हैं हुआ तो हुआ। इनके राज में हमारे वीर सपूतों को बुलेटप्रूफ जैकेट तक नहीं मिल पाती थी। आतंकी और नक्सली हमलों में हमारे वीर साथी अपनी जान गंवा देते थे। ये लोग कहते थे- हुआ तो हुआ। ऐसे मुश्किल सवालों का इनके पास एक ही जवाब होता है- हुआ तो हुआ। बोफोर्स, पनडुब्बी घोटाला हो या हेलीकाप्टर घोटाला, इनका एक ही जवाब है - हुआ तो हुआ।
इसी तरह भोपाल में जो गैस कांड हुआ, जिसका खामियाजा आज भी लोग भुगत रहे हैं, उस बारे में बात की जाए, तो इनका अंदाज यही रहता है- हुआ तो हुआ। कॉमनवेल्थ घोटाला करके इन्होंने देश की प्रतिष्ठा दांव पर लगा दी, लेकिन जवाब है – हुआ तो हुआ। 2जी घोटाला करके इन्होंने देश में टेलीफोन सेवाएं महंगी कर दीं, और कोयला घोटाला करके इन्होंने देश की संपदा को लूट लिया, लेकिन जवाब है- हुआ तो हुआ। ये महामिलावटी लोग कह रहे हैं- 'हुआ तो हुआ'। देश और जनता कह रही है अब बहुत हुआ।
वो मध्यम वर्ग जिसे कांग्रेस लालची कहती है, जिस पर टैक्स बढ़ाने की धमकी देती है, वो कह रहा है, महामिलावटी लोगों, मिडिल क्लास का अपमान बहुत हुआ। वो नौजवान जिनके अधिकार अब कांग्रेस के करीबी लूट रहे हैं, वो कह रहे हैं, भाई-भतीजावाद बहुत हुआ, वंशवाद बहुत हुआ। वो गरीब जिन्हें कांग्रेस के शासन में सस्ता इलाज नहीं मिला, वो कह रहा है- महामिलावटी लोगों गरीब के साथ भद्दा मजाक बहुत हुआ। वो देशवासी जिन्होंने कांग्रेस की नीतियों की वजह से आतंकी हमलों में अपनों को खोया है वो कह रहे हैं, महामिलावटी लोगों आतंकवाद बहुत हुआ। कांग्रेस के नामदारों की सरकार की गलत नीतियों के कारण देशभर में आए दिन बम धमाके होते थे। बम फोड़ने वालों के तार सीमापार पाकिस्तान तक जाते थे। लेकिन कांग्रेस ने क्या किया? वो कहती रही- हुआ तो हुआ। आजादी के 55 साल एक परिवार ने देश को ठगा है। क्या अब भी आप उनकों ठगने का मौका देना चाहते हो क्या ? इन्होने कहा था की बिजली का बिल हाफ करेंगे हुआ क्या ? बिल हाफ हुआ या बिजली की सप्लाई हाफ हुई। आज किसानों के घर पर पुलिस पहुंच रही है। कर्जदार किसानों के जेल जाने की नौबत आ रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को लेकर भी हमलावर रहे और कहा कि जब देश लोकतंत्र का पर्व मना रहा है अपने प्रतिनीधि चुन रहा है कांग्रेस के महामिलावटी लोगों देश का फर्स्ट टाइम वोटर हिंदुस्तान के सब नेताओं को बारीकी से देख रहा है। वो युवा साथी जो देश के विकास के लिए वोट डालने निकल रहा है, उसे आप ये 'मतदान करना जरूरी नहीं है' सिखा रहे हैं। दिग्गी राजा आपने मतदान न करके बहुत बड़ पाप किया है। इनका अहंकार कल भोपाल में भी दिखा है। मैं खुद अहमदाबाद गया था ,वोट डालने के लिए, देश के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए लाइन में लगे थे। और ये दिग्गी राजा उनको न लोकतंत्र की चिंता थी न मतदाता की जिम्मेदारी की चिंता थी। हमारी आने वाली सरकार में व्यापारी भाइयों के हितों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय व्यापारी बोर्ड का गठन किया जाएगा। देश में पानी से जुडी चुनौतियों को दूर करने के लिए अब हमने जलशक्ति मंत्रालय बनाने का निर्णय लिया है। कांग्रेस की 4 पीढ़ियों ने शासन किया लेकिन उन्हें आदिवासियों का ध्यान ही नहीं था, उनके चश्में में आदिवासी आते ही नहीं थे। अटल जी की सरकार ने देश में पहली बार आदिवासियों के विकास के लिए अलग मंत्रालय बनाया था। नए भारत के तमाम संकल्पों को पूरा करने के लिए आपको पूरी शक्ति से कमल खिलाना है।