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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में रामनवमी (Ramanavami) जुलूस के दौरान पथराव करने के आरोपियों के घरों पर बुल्डोजर चलाने के एमपी सरकार के फैसले पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gahlot) ने सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि किसी प्रधानमंत्री (Prime Minister) या मुख्यमंत्री (Chief Minister) को भी यह अधिकार नहीं है कि वह किसी का घर बिना किसी जांच के गिरा दे। मुख्यमंत्री ने पीड़ितों की हालत पर दुख जताते हुए कहा है वे कि वे गरीब लोग हैं और अपना घर टूटता हुआ देखकर वे परेशान हैं।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के खरगोन (Khargone) में रामनवमी (Ramanavami) के मौके पर जुलूस पर पथराव की घटना के बाद तनावपूर्ण स्थिति बन गयी थी। वहां हुए उपद्रव के बाद अब तक 33 एफआईआर (FIR) दर्ज हो चुके हैं और 121 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस बीच जिला प्रशासन (District Administration) की ओर से जिन इलाकों में जुलूस के दौरान झड़प हुई थी उन इलाकों में 16 घरों और 34 दुकानों को ध्वस्त कर दिया है। इस पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सवाल उठाया है उन्होंने कहा है कि किसी पीएम और सीएम को ऐसा करने का अधिकार नहीं है।
उन्होंने जयपुर में मीडिया से बातचीत में कहा है यह अधिकार दिया किसने है। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को भी यह अधिकार नहीं है कि वह बिना किसी जांच के, दोषी पाए बिना किसी का घर गिरा दें। सोचकर देखिए कि गरीब लोगों पर क्या गुजर रही होगी।
इस बातचीत के दौरान गहलोत ने करौली हिंसा का भी जिक्र किया उन्होंने कहा कि करोली हिंसा (Karoli Violence) में हुई गिरफ्तारियों को लेकर बीजेपी आरोप लगा रही है कि राजस्थान सरकार पर आरोप लगा रही है कि निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया गया है तो क्या उनके लिए उचित होगा कि बिना किए पकड़े गए लोगों के घरों पर बुलडोजर चला दिया जाए। यह न्यायसंगत नहीं हैै।
राजस्थान सीएम ने कहा है कि मैं कल रात टीवी देख रहा था और मैंने देखा जिन लोगों के घर तोड़े गए, वे रो रहे थे। वे गरीब लोग हैं और आप कह रहे हैं कि चूंकि इन लोगों के नाम आरोपी के रूप में सामने आए थे, आप उनके घरों को ध्वस्त कर रहे हैं। गहलोग ने कहा कि किसी को भी यह अधिकार नहीं है। यह अधिकार सिर्फ कानून के पास है और कानून को उसका काम करना चाहिए। ऐसा करने वाले लोग कानून और संविधान का मजाक बना रहे हैं।