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जानिए क्या होता है एनपीआर? जिसे मोदी कैबिनेट ने दे दी है मंजूरी
नई दिल्ली। अब सरकार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) लाने की तैयारी कर रही है। इसमें देश के नागरिकों का डेटा होगा। एनपीआर के अपडेशन के लिए फंड को मंगलवार को मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। सूत्रों का कहना है कि अगले साल अप्रैल से एनपीआर लाया जा सकता है। एनपीआर के लिए डेटा 2010 में तभी इकट्ठा किया गया था, जब 2011 की जनगणना के लिए आंकड़े जुटाए गए थे। इस डेटा को 2015 में अपडेट किया गया था। इसका डिजिटाइजेशन भी पूरा हो गया है।
ये है एनपीआर
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के जरिए सरकार देश के हर नागरिक की जानकारी रख सकेगी। इसके तहत हर भारतीय नागरिक का बायोमेट्रिक रिकॉर्ड लिया जाएगा और उनकी वंशावली भी दर्ज की जाएगी। वैसे निवासी जो छह महीने या उससे ज्यादा समय से किसी क्षेत्र में रह रहा है, उसके लिए एनपीआर में पंजीकरण कराना अनिवार्य हो जाएगा।
एनपीआर को सरकार राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर, जिला, उप जिला व स्थानीय स्तर पर तैयार करेगी। एनपीआर तीन चरणों में तैयार किया जाएगा - पहला चरण एक अप्रैल 2020 से लेकर 30 सितंबर 2020 के बीच होगा। इसमें केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा घर-घर जाकर जरूरी आंकड़े जुटाए जाएंगे। दूसरा चरण 9 फरवरी 2021 से 28 फरवरी 2021 तक होगा। इसके बाद तीसरा चरण होगा, जिसमें जुटाए आंकड़ों में जरूरी संशोधन किए जाएंगे।
क्यों जरूरी है एनपीआर
एनपीआर को नागरिकता कानून 1955 और नागरिकता (नागरिकों का रजिस्ट्रेशन और राष्ट्रीय पहचान पत्र का मसला) नियम 2003 के तहत स्थानीय स्तर पर यानी उपजिला, जिला और राज्य स्तर पर बनाया जाएगा। देश के हर नागरिक के लिए इसमें नाम दर्ज कराना जरूरी है। इसका मकसद देश में रह रहे नागरिकों का समग्र डेटाबेस तैयार करना है। यह डेटाबेस जनसांख्यिकीय और बायोमीट्रिक आधार पर बनाया जाएगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस एनपीआर के लिए प्रत्येक व्यक्ति के बारे में 15 जानकारियां जुटाई जाएंगी। जिसमें व्यक्ति के नाम, माता पिता, लिंग, जन्म, शैक्षणिक स्थिति, पता आदि शामिल हैं। पिछली बार की तुलना में इस बार कुछ व्यापक जानकारी भी मांगी जा सकती हैं। दरअसल एनपीआरजनगणना का हिस्सा है। जनगणना से पहले अपडेट किया जाता है। पहली बार 2010 में एनपीआर रजिस्टर तैयार हुआ था। 10 साल बाद फिर अपडेट हो रहा है।
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के लिए क्या क्या पूछा जाएगा ?
व्यक्ति का नाम क्या है। परिवार के मुखिया से उसका संबंध क्या है। माता-पिता का नाम, वैवाहिक स्थिति, शादीशुदा होने पर पति/पत्नी का नाम, लिंग, जन्म स्थान, नागरिकता, वर्तमान पता, पते पर रहने की अवधि, स्थायी पता, पेशा और शैक्षणिक स्थिति की भी जानकारी देनी होगी। कुछ और बातें पूछी जा सकती हैं जैसे पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और आधार से जुड़ी जानकारियां भी मांगी जा सकती हैं। ये भी पूछा जाएगा कि आप जहां रह रहे हैं वहां क्या छह महीने से रह रहे हैं और क्या आगे 6 महीने तक रहने की संभावना है ?
रजिस्टर की मौजूदा स्थिति क्या है
2011 जनगणना के लिए 2010 में डेटा जमा किया गया था
2015 में घर-घर जाकर सर्वे अपडेट किया गया
अपडेट जानकारी का डिजिटलाइजेशन हो चुका है
2021 जनगणना के साथ इसे अपडेट किया जाएगा
2020 में असम को छोड़कर इसे अपडेट किया जाएगा