
Opposition Meeting : महाबैठक में विपक्षी दलों में बनी सहमति, लोकसभा 2024 मिलकर ही लड़ेंगे, जानिए- क्या बना प्लान?

Opposition Meeting : बिहार में घंटों तक चली विपक्षी दलों की महाबैठक खत्म हो गई है. इसमें शामिल हुए तमाम नेताओं ने अगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने पर मंथन किया. बैठक में विपक्षी दलों की सहमति बनी है और अब अगली मीटिंग 12 जुलाई को शिमला में होगी.
इस बैठक को लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बेहद अहम माना जा रहा है. इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, जेडीयू नेता नीतीश कुमार, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, NCP प्रमुख शरद पवार, शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती, NC नेता फारुख अब्दुला, CPI सचिव डी. राजा, CPM सचिव सीताराम येचुरी और CPIML के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य सहित कई बड़े राजनीतिक दिग्गज शामिल हुए. विपक्ष की इस बड़ी बैठक में लोकसभा चुनाव 2024 के रोडमैप पर विस्तार से बातचीत हुई.
अब जुलाई में शिमला में होगी बैठक : खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि 2024 में बीजेपी से मुकाबले के लिए अपने-अपने राज्यों में काम करते हुए एक साथ कैसे आगे बढ़ना है, इस पर एजेंडा तैयार करने के लिए हम जुलाई में शिमला में फिर से बैठक करेंगे.
हम एक हैं, एक साथ लड़ेंगे : ममता बनर्जी
ममता बनर्जी ने बताया कि हम लोग एक हैं, हम एक साथ लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि हम लोग भी देश के नागरिक हैं और देशभक्त हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार तानाशाह है. उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि कहा कि जो विरोध में हैं, उनके खिलाफ ईडी-सीबीआई को लगा देते हैं.
हिंदुस्तान की नींव पर आक्रमण हो रहा है : राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हिंदुस्तान की नींव पर आक्रमण हो रहा है, हमने निर्णय लिया है कि हम एक साथ मिलकर काम करेंगे.
नीतीश कुमार बोले अच्छी मुलाकात रही
विपक्षी नेताओं ने पटना में अपनी बैठक के समापन के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार बोले ये अच्छी मुलाकात रही. एक साथ चलने की सहमति बनी है. अगली मीटिंग मल्लिकार्जुन खरगे अगले महीने करेंगे. जो शासन में हैं वो देशहित में काम नहीं कर रहे हैं. जो काम हो रहा है उसको लेकर चिंता है. अगर एक राज्य के सामने कोई चुनौती आती है तो सब साथ रहेंगे.