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हमारे मोदी जी हिटलर और सद्दाम हुसैन से कम नहीं, वह महान हैं और इतिहास में महान ही रहेंगे
ज्ञानेंद्र रावत
देखा जाये तो जो जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर ने किया और ईराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन ने किया, वही 24 फरवरी को अहमदाबाद में दुहराया गया। देश के प्रधानमंत्री, गंगा पुत्र, युवाओं के प्रेरणा स्रोत, उनकी आशा और विकास पुरुष माननीय श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी ने अहमदाबाद के सरदार पटेल स्टेडियम के नाम को बदलकर अपने नाम से नरेन्द्र मोदी स्टेडियम कर दिया। यह देश वासियों के लिए गर्व की बात है कि वह जीते जी नरेन्द्र मोदी के नाम का स्टेडियम देखेंगे।
वह बात दीगर है कि जिस स्टुटगार्ट के स्टेडियम का हिटलर ने नाम बदलकर एडोल्फ हिटलर काम्फबैन रखा था, उसे अब मर्सिर्डीज बैंज एरिना के नाम से जानते हैं और ईराक में 1980 में ईराक के सबसे बडे़ खेल के मैदान का नाम बदलकर सद्दाम हुसैन ने अपने नाम पर सद्दाम हुसैन जिम्नेजियम रखा था, उसे अब बगदाद जिम्नेजियम के नाम से जानते हैं। अब यह तो भविष्य ही बतायेगा कि इस स्टेडियम का नाम आने वाले दशकों में किसके नाम होगा।
इतिहास दुहराया जायेगा कि नहीं यह भविष्य के गर्भ में है। हो जो भी लेकिन है यह काबिले तारीफ और यह भी कि देशवासियों के लिए 24 फरवरी का दिन महान दिवस के रूप में जाना जायेगा। यह कहावत बिलकुल सही है कि मोदी है तो सब मुमकिन है।
यह देश के इतिहास में स्वर्णाच्छरों में लिखा जायेगा और आने वाली पीढी़ याद करेंगी कि हमारे देश का एक प्रधानमंत्री ऐसा भी था जो न केवल जगहों के नाम बदलता था बल्कि विकास के लिए देश की संपत्ति को भी पूंजीपतियों के हाथों में बेचा करता था। है ना विकास पुरुष का करिश्मा।
असलियत तो यह है कि ऐसा विकास पुरुष देश की सत्ता पर दशकों रहे, तभी इस देश का कल्याण संभव है अन्यथा ऐसी हिम्मत और किसी में हो ही नहीं सकती। असलियत में यह देश का भाग्य नहीं बल्कि परम सौभाग्य है कि हमें ऐसा योग्य, कुशल, सामर्थ्यवान और महाभट विद्वान प्रधानमंत्री मिला है। इसलिए देश की जनता को परमपिता परमात्मा का शुक्रगुजार होना चाहिए। जय हो देश की जनता की और भारत माता की.....