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आपातकाल की बरसी पर पीएम मोदी ने किया ट्वीट, गृहमंत्री ने कांग्रेस पर कसा तंज

आपातकाल की बरसी पर पीएम मोदी ने किया ट्वीट, गृहमंत्री ने कांग्रेस पर कसा तंज
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कांग्रेस ने सत्ता के स्वार्थ व अंहकार में देश पर आपातकाल थोपकर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की हत्या कर दी- अमित शाह

25 जून को लेकर भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में इसे सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दिन की संज्ञा दी गई है। 46 साल पहले आज के ही दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी। आपातकाल में इस दौरान बहुत कुछ ऐसा हुआ था, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। और आपातकाल लगते ही देश से लोकतंत्र की मर्यादाएं रौंद दी गईं और मौलिक अधिकार छीन लिए गए। जिन नागरिकों ने सरकार का विरोध किया, उन्हें बिना दलील व अपील के जेल में डाला गया।

पीएम नरेंद्र मोदी ने आपातकाल की बरसी पर ट्वीट करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपातकाल के उन काले दिनों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'आपातकाल के काले दिनों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। 1975 से 1977 के दौर में हमारे देश ने देखा कि किस तरह से संस्थाओं का विध्वंस किया गया।' इसके साथ ही पीएम मोदी ने लिखा कि आइए हम संकल्प लेते हैं कि भारत की लोकतांत्रिक भावना को मजबूत बनाए रखने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे और संवैधानिक में तय किए गए मूल्यों के अनुसार रहेंगे।

वही गृहमंत्री अमित शाह ने भी आपातकाल की 46वीं बरसी पर कांग्रेस पर तंज कसते हुए अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया '1975 में आज ही के दिन कांग्रेस ने सत्ता के स्वार्थ व अंहकार में देश पर आपातकाल थोपकर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की हत्या कर दी। असंख्य सत्याग्रहियों को रातों रात जेल की कालकोठरी में कैदकर प्रेस पर ताले जड़ दिए। नागरिकों के मौलिक अधिकार छीनकर संसद व न्यायालय को मूकदर्शक बना दिया।' शाह ने आगे लिखा कि एक परिवार के विरोध में उठी आवाज को कुचलने के लिए थोपा गया आपातकाल आजाद भारत के इतिहास का एक काला अध्याय है।


पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने पीएम इंदिरा गांधी की सिफारिश पर 25 जून, 1975 को पूरे देश में आपतकाल लगाए जाने का ऐलान किया था। आपातकाल का यह 25 जून, 1975 से 21 मार्च, 1977 तक लागू था। इस दौरान विपक्ष के तमाम नेताओं को जेल में डाल दिया गया था और प्रेस की स्वतंत्रता भी बाधित हुई थी।

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