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उत्तराखंड मे तिरंगे पर राजनीति शुरु, धन सिंह रावत बोले किसी ने कि शरारत
आजादी के 75 साल के मौके पर 'हर घर तिरंगा' की चर्चाओं के बीच उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें वह तिरंगा उल्टा थामे दिख रहे हैं। इस फोटो में मंच पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के अलावा योग गुरु रामदेव और राज्य के अन्य मंत्रियों के साथ मंत्री धन सिंह रावत मंच पर मौजूद हैं। सभी के हाथ में तिरंगा है, लेकिन मंत्री धन सिंह रावत के हाथों में तिरंगा उल्टा है।
धन सिंह रावत की तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने इसे राष्ट्रीय ध्वज का घोर अपमान कहते हुए तंज़ कसा कि 'तिरंगा कैसे पकड़ते हैं? ये उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री जी हैं!' पतंजलि योगपीठ में आचार्य बालकृष्ण के जन्मदिन पर हुए कार्यक्रम के मंच से आई इस तस्वीर पर कांग्रेस ने राष्ट्र का अपमान बताकर रावत से माफी की मांग की है। वहीं, रावत का कहना है कि यह जानबूझकर नहीं हुआ, बल्कि एक दूसरे को झंडे थमाते हुए, वह झंडे को सीधा कर रहे थे और ये फोटो किसी की शरारत है। इधर, 'हर घर तिरंगा' अभियान को सफल बनाने के लिए उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने उत्तराखंड के बीस लाख घरों में तिरंगा फहराने का लक्ष्य रखा है। बीजेपी ने करीब 12 लाख झंडे बनवाए हैं लेकिन ये झंडे मुफ्त में नहीं मिलेंगे। राज्य के सांसदों को 30-30 हजार झंडे खरीदकर कार्यकर्ताओं को न सिर्फ बांटने होंगे, बल्कि घरों में लगवाना भी सुनिश्चित करना होगा। इसी तरह विधायको को तीन.तीन हजार, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर निगमों के मेयर को दस.दस हजार, नगर पालिका अध्यक्षों को पांच-पांच और नगर पंचायत अध्यक्षों को तीन-तीन हजार झंडे खरीदने होंगे।
पार्टी ने एक झंडे की कीमत बीस रुपए रखी है। यही नहीं, 11 से 13 अगस्त तक बूथ लेवल पर प्रभात फेरियों, विधानसभा लेवल पर मोटरसाइकिल रैलियों के लिए भी सांसद, मंत्री, विधायक ज़रूरी व्यवस्थाएं करेंगे। बीजेपी का दावा है कि उत्तराखंड में पार्टी के 16 लाख से अधिक सदस्य हैं और तिरंगे के बहाने सांसदों, मंत्रियों, विधायकों का कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद तो होगा ही, भाजपा का शक्ति प्रदर्शन भी लोगों तक पहुंचेगा।