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प्रियंका गांधी ने खुद बताया, वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ क्यों नहीं लड़ा चुनाव
बता दें कि 28 मार्च को रायबरेली में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के लिए प्रचार करने पहुंचीं प्रियंका गांधी से जब कार्यकर्ताओं ने चुनाव लड़ने की मांग की तो उन्होंने पलटकर कार्यकर्ताओं से ही पूछ लिया कि वाराणसी से चुनाव लड़ूं क्या? प्रियंका गांधी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच पूरी बातचीत अनौपचारिक तौर पर थी. प्रियंका के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा होने लगी थी कि प्रियंका वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ सकती हैं.
कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने प्रियंका गांधी के वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ने की वजह साफ की थी. उन्होंने कहा कि वाराणसी से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला खुद प्रियंका गांधी का था. प्रियंका गांधी के चुनाव नहीं लड़ने के निर्णय के संबंध में जब पत्रकारों ने पूछा तो पित्रोदा ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष (राहुल गांधी) ने चुनाव लड़ने का अंतिम फैसला उनके (प्रियंका गांधी) के ऊपर छोड़ दिया था.
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश खासतौर से पूर्वी यूपी में कांग्रेस का बेड़ा पार कराने के लिए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी को बड़ी जिम्मेदारी दी है. पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ के गढ़ कह जाने वाले पूर्वांचल की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी के हाथों में हैं. प्रियंका जिन 41 सीटों की बात कर रही हैं उनमें से 26 सीटें पूर्वांचल की हैं. पार्टी को उनसे उम्मीदें है. पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए प्रियंका यूपी में जमकर प्रचार कर रही हैं. उनकी मेहनत कितना रंग लाती है ये तो 23 मई को ही मालूम पड़ेगा जब चुनावी नतीजे आएंगे.