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सोशल मीडिया पर जनता का सवाल: आडवाणी, जोशी, मायावती को किस हैसियत से मिला है बंगला? देखिए पूरा वीडियो

Shiv Kumar Mishra
24 April 2023 10:45 AM IST
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केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद रहे राहुल गांधी की संसद से सदस्यता जाने के बाद 22 अप्रैल को उन्होंने अपना बंगला भी खाली कर दिया। इसके बाद कांग्रेस के तमाम नेताओं ने कहा कि 2024 लोक कल्याण मार्ग की चाभी राहुल गांधी के हाथों में होगी। इसी बीच सोशल मीडिया पर भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, मायावती और गुलाम नबी आजाद को लेकर सवाल उठाये जा रहे हैं।

सोशल मीडिया पर पूछे जा रहे सवाल

भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, बसपा सुप्रीमो मायावती, पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी को लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं कि जब ये किसी भी सदन के सदस्य नहीं है तो किस आधार पर अभी भी सरकारी आवास में रह रहे हैं। इनकी सदस्यता गए हुए कई साल बीत चुके हैं लेकिन इन्हें घर खाली करने का नोटिस क्यों नहीं दिया, जबकि राहुल गांधी को महीने भर का ही समय देते हुए नोटिस दे दिया गया।

लोगों ने किये ऐसे ट्वीट

एक यूजर ने लिखा कि श्री ओम बिड़ला व लोकसभा सचिवालय को बताना चाहिए कि श्री लालकृष्ण आडवाणी, डाॅ मुरली मनोहर जोशी, सुश्री मायावती और गुलाम नबी आजाद को किस हैसियत से लुटियंस में बंगला मिला हुआ है? अब ये तर्क मत देना कि इनको खतरा है इसलिए बंगला मिला हुआ है अगर इनको खतरा है तो राहुल जी को इनसे 100 गुणा ज्यादा खतरा है। @PrashantTandy यूजर ने लिखा कि आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और गुलाम नबी आज़ाद कहां से सांसद हैं जो इन्हे कैबिनेट मंत्री स्तर की कोठियां मिली हुई हैं। लगता हैं इनके खाते में 15 लाख आ गये हैं।

@AnshumanSP यूजर ने लिखा कि सरकारी आवास खाली करने का नियम सिर्फ अखिलेश जी और राहुल जी पर लागू होता है? सालों से बिना किसी पद पर ना होते हुए आडवाणी जी, मुरली मनोहर जोशी जी, मायावती जी, गुलाम नबी जी पर नहीं लागू होते हैं जिन्हें दिल्ली के पॉश इलाके में बड़े बंगले अभी भी आवंटित हैं, ये दोहरे मापदंड क्यों? नवीन नाम के यूजर ने लिखा कि आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और गुलाम नबी आज़ाद और अन्य भी जो होंगे, वो सब कहां से सांसद हैं जो इन्हे कैबिनेट मंत्री स्तर की कोठियां मिली हुई हैं।https://www.youtube.com/watch?v=GeMoj9nu2I0

बता दें कि यह सवाल तब उठना शुरू हुआ, जब राहुल गांधी ने अपना सरकारी आवास खाली कर घर की चाभी अधिकारियों को सौंप दी। इसके बाद सोशल मीडिया पर एक धड़ा आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, मायावती, गुलाम नबी आजाद जैसे नेताओं का जिक्र कर सवाल पूछ रहा है कि इन्हें किस आधार पर ये घर आवंटित है?

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