राष्ट्रीय

राफेल डील में बुरे फंसे मोदी? अंबानी के साथ मिलकर पकाई खिचड़ी

Special Coverage News
22 Sep 2018 2:01 PM GMT
राफेल डील में बुरे फंसे मोदी? अंबानी के साथ मिलकर पकाई खिचड़ी
x
File photo of Rahul Gandhi and PM Modi

राफेल डील को लेकर देश में सत्ता और विपक्ष की आग दिन ब दिन और भी भड़की जा रही है, जिसकी आंच में अब सीधे सीधे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र आ गए है, भारत और फ्रांस सरकार के बीच हुई डील में अनिल अंबानी की एंट्री पर कांग्रेस लगातार सवाल उठाती रही है, और अब एक नए खुलासे ने विवाद को फिर से हवा दे दी है.

एक फ्रेंच वेबसाइट ने फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के हवाले से लिखा है कि राफेल डील के लिए भारत सरकार की ओर से अनिल अंबानी की रिलायंस का नाम पेश किया था जिसकी वजह से दसॉ एविएशन कंपनी के पास कोई और विकल्प नहीं था. इसके साथ ही ओलाद के एक इंटरव्यू के मुताबिक इस डील को लेकर वो बिल्कुल साफ हैं, उन्होंने डील के वक्त अनिल अंबानी की मौजूदगी को लेकर भारत सरकार से सवाल किए थे. भारत सरकार की ओर से इस मामले में रिलायंस जबरन थोपा गया था. पहले करार 100 से ज्यादा विमान को लेकर था, लेकिन बाद में भारत सरकार ने 36 विमानों पर सहमति जताई. इसके बाद अब ये बात भी सामने आ रही है कि इस डील के बाद अंबानी ने अपना पैसा जुली जेयट की फिल्म में लगाया है इस तरह के कई आरोप लगने के बाद अब राफेल मामले पर चारों तरफ से सोशल साईट ट्विटर पर घमासान मच गया है, सामाजिक कार्यकर्ता और प्रख्यात वकील प्रशांत भूषण एक ट्वीट ने पूरे मामले में नया मोड़ ला दिया. उन्होंने अपने ट्वीट में पूर्व फ्रेंच राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के हवाले से कहा है कि अनिल अंबानी को चुनने में फ्रांस को कोई रोल नहीं रहा. प्रशांत भूषण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल दागते हुए ट्वीट किया, कि क्या इसकी सिफारिश मोदी ने की थी. क्या यह भी कोई सीक्रेट है मोदी जी?'

प्रशांत भूषण के बाद, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने इस लेख को रीट्वीट करते हुए ओलांद से डील की कीमत बताने का आग्रह करते हुए कहा, 'आप यह भी बताएं कि राफेल की 2012 में 590 करोड़ रुपए की कीमत 2015 में 1690 करोड़ कैसे हो गई. करीब-करीब 1100 करोड़ की वृद्धि कैसे हो गई....इससे पहले हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के पूर्व प्रमुख टी एस राजू की ओर से राफेल डील को लेकर किए गए दावों के बाद कांग्रेस ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से इस्तीफा मांगा. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी के मुताबिक रक्षा मंत्री ने बुधवार को जो बयान दिया वो बहुत परेशान करने वाला है.

साथ ही कांग्रेस प्रवक्ता ने सरकार से सभी फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग की. कांग्रेस राफेल मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग पहले ही कर चुकी है. इस मामले में कांग्रेस CAG का दरवाजा खटखटा चुकी है और अब इसे CVC तक भी ले जाने वाली है. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस संदर्भ में ट्वीट कर निर्मला पर 'झूठ बोलने' का आरोप लगाया.

Next Story