आंध्र प्रदेश के आमों से राहुल गांधी की दिल्लगी, योगी आदित्यनाथ बोले- विभाजनकारी है टेस्ट
राहुल गांधी को फलों के राजा यानी आम पसंद हैं, लेकिन यूपी की आम की जगह आंध्र प्रदेश का आम ज्यादा अच्छा लगता है। इसके साथ ही वो उन्हें दशहरी आम ज्यादा मीठा लगता है, कुछ हद तक लंगड़ा अच्छा लगता है। लेकिन उनकी आम की स्वाद कथा पर अब सियासी तंज कसा जा रहा है। पहले गोरखपुर के सांसद रवि किशन ने राहुल गांधी पर निशाना साधा उसके बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जबरदस्त कटाक्ष किया।
राहुल गांधी का टेस्ट विभाजनकारी- योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राहुल गांधी जी, आपका 'टेस्ट' ही विभाजनकारी है। आपके विभाजनकारी संस्कारों से पूरा देश परिचित है। आप पर विघटनकारी कुसंस्कार का प्रभाव इस कदर हावी है कि फल के स्वाद को भी आपने क्षेत्रवाद की आग में झोंक दिया। लेकिन ध्यान रहे कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत का 'स्वाद' एक है।
श्री @RahulGandhi जी, आपका 'टेस्ट' ही विभाजनकारी है। आपके विभाजनकारी संस्कारों से पूरा देश परिचित है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 23, 2021
आप पर विघटनकारी कुसंस्कार का प्रभाव इस कदर हावी है कि फल के स्वाद को भी आपने क्षेत्रवाद की आग में झोंक दिया।
लेकिन ध्यान रहे कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत का 'स्वाद' एक है। pic.twitter.com/VMtiyNtnCY
राहुल गांधी ने क्या कहा था
एक मीडियाकर्मी के इस सवाल पर कि क्या उन्हें यूपी के आम पसंद हैं, राहुल गांधी ने कहा था, "आई लाइक आंध्रा, आई डोंट लाइक यूपी आम (मुझे आंध्र प्रदेश के आम का स्वाद पसंद है, मैं यूपी के आम पसंद नहीं करता)।" इस बयान पर उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आड़े हाथों लिया है। मुख्यमंत्री ने अपने राहुल गांधी को टैग ट्वीट में लिखा, श्री राहुल गांधी जी आपका टेस्ट ही विघटनकारी है। आपके विभाजनकारी संस्कारों से पूरा देश परिचित है। आप पर विघटनकारी कुसंस्कारों का प्रभाव इस कदर हावी है कि फल के स्वाद को भी आपने क्षेत्रवाद की आग में झोंक दिया। लेकिन ध्यान रहे कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत का स्वाद एक है।
यूपी को राहुल गांधी पसंद नहीं, हिसाब बराबर
बीजेपी सांसद रविकिशन ने कहा किराहुल जी को उत्तर प्रदेश के आम नहीं पसंद और उत्तर प्रदेश को Congress नहीं पसंद हिसाब बराबर। उन्होंने कहा कि आप राहुल गांधी से इसी तरह के बयानों की उम्मीद कर सकते हैं। जिन लोगों को बांटने में मास्टरी हासिल रही हो वो एका की बात कर भी कैसे सकते हैं।
राहुल जी को उत्तर प्रदेश के आम नहीं पसंद और उत्तर प्रदेश को Congress नहीं पसंद हिसाब बराबर । pic.twitter.com/4xILCHrFGS
— Ravi Kishan (@ravikishann) July 23, 2021
जानकार कहते हैं कि सियासत में शब्दों और मौके का चयन बेहद अहम होता है। किसी भी राजनेता की छोटी सी गलती का खामियाजा पूरी पार्टी को उठाना पड़ता है। जहां तक आम के टेस्ट की बात है तो वो किसी भी शख्स का निजी मसला होता है। राहुल गांधी को कहां का आम ज्यादा पसंद कहां का कम पसंद वो अलग मुद्दा है लेकिन जो शख्स सियासी होता है उसका हर एक बयान राजनीति की तराजू में तौला जाता है और उसका फायदा या नुकसान दोनों सामने आ ही जाता है।