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संजय सिंह ने योगी सरकार पर "जल जीवन मिशन" में बड़े घोटाले का लगाया आरोप
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के आम आदमी पार्टी के प्रभारी संजय सिंह यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर काफी एक्टिव नजर आ रहे.लगातार योगी सरकार पर हर मुद्दे को लेकर जमकर हमला बोल रहे है.एक बार फिर सांसद संजय सिंह ने योगी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.बीते रविवार को संजय सिंह ने प्रेस वार्ता कर यूपी सरकार पर जल जीवन मिशन में 30 हजार करोड़ के घोटाले का बड़ा आरोप लगाया है.उन्होंने ने कहा कि कई राज्यों में ब्लैक लिस्टेड कंपनी रश्मि मेटलिक को यूपी में करोंड़ों का काम दिया गया.संजय सिंह ने कहा कि अगर एक हफ्ते में इसकी सीबीआई या सिटिंग जज की अध्यक्षता में गठित कमेटी से जांच नही हुई तो पार्टी आंदोलन करेगी.
वही संजय सिंह ने कहा कि कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह और मिशन से जुड़े आला अफसरों ने मिलकर ना सिर्फ करोड़ों का भ्रष्टाचार किया, बल्कि एक ऐसी कंपनी को करोड़ों का काम दिया जो कई राज्यों में ब्लैक लिस्टेड की गई है. संजय सिंह ने कहा कि उड़ीसा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड, पंजाब, हिमाचल, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, राज्यों के साथ ही सेना ने भी रश्मि मेटलिक को घटिया पाइप सप्लाई करने की वजह से ब्लैक लिस्ट कर दिया है. ऐसे में सवाल मंत्री महेंद्र सिंह ने इसी ब्लैक लिस्टेड कंपनी को करोंड़ों की पाइप सप्लाई का काम क्यों दिया.
संजय सिंह ने आगे कहा कि जल जीवन मिशन के मौजूदा अधिशाषी निदेशक अखण्ड प्रताप सिंह ने इस पूरे मामले की जांच झांसी के अपर जिलाधिकारी को सौंपी. एक महीने के बाद जो जांच रिपोर्ट सामने आई उसमें खुलासा हो गया कि कंपनी की सप्लाई की गई पाइपों की क्वालिटी घटिया है.
संजय सिंह के मुताबिक,यूनिट को ऑर्डिनेटर जेपी शुक्ला ने भी अपनी रिपोर्ट में इस कंपनी की पाइप को बेहद घटिया और मानक के विरुद्ध बताया है. रिपोर्ट में कहा कि ऐसी घटिया सप्लाई देने वाली कंपनी को ठेका किसी भी कीमत पर नहीं मिलना चाहिए. परियोजना प्रबंधक महेश कुमार ने भी इस कंपनी पर सवाल खड़े किए. सीएंडडीएस ने भी अपनी जांच में इसके पाइपों को बेहद घटिया बताया है. संजय सिंह ने बताया की सेंट्रल इकोनोमिक इंटेलिजेंस ब्यूरो ने भी इस कंपनी की रिपोर्ट में लिखा है कि ये कंपनी बोगस इन्वेस्टमेंट कराती है, फर्जी शेल कंपनी बनाती है और इसकी कई फर्जी कंपनिया है जिनके माध्यम से पूरे देश में घोटालों का खेल करती है.
संजय सिंह ने कहा कि योजना से जुड़े चीफ इंजीनियर आलोक सिन्हा, प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव और विभाग के मंत्री महेंद्र सिंह ने बाकायदा चिट्ठी जारी कर पूरे प्रदेश में इसी ब्लैक लिस्टेड कंपनी से पाइप खरीद करने का ऑर्डर तक जारी किया. संजय सिंह ने दावा किया कि प्रयागराज से बीजेपी के विधायक डॉ. अजय कुमार भी इस कंपनी के खिलाफ शिकायत कर चुके हैं.
मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में विधायक ने ये तक लिखा है कि मंत्री महेंद्र सिंह को 2 करोड़ की रिश्वत देने के लिए विभाग के छोटे अफसरों से 5 से 10 लाख रुपये की वसूली की गई है. संजय सिंह ने कहा कि जल जीवन मिशन में अयोध्या, आगरा और कानपुर के अंदर होने वाले तमाम कामों का पूरा कच्चा चिट्ठा उनके पास है. इन मंडलों में जो जल निगम की तरफ से अप्रूव्ड रेट से 30 से 40 प्रतिशत की ज्यादा दरों पर काम कराए गए हैं.
संजय सिंह ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत होने वाले कामों के लिए थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने बताया कि केंद्र की गाइडलाइन के मुताबिक टीपीआई के काम में कुल बजट का 0.4 प्रतिशत से ज्यादा का खर्च नहीं किया जा सकता, लेकिन सरकार ने 1.33 प्रतिशत टीपीआई के लिए खर्च किया. मतलब कुल बजट 1 लाख 20 हजार करोड़ के हिसाब से 1.33 प्रतिशत होता है. करीब 1500 करोड़ यानि जो काम 400-500 करोड़ में हो जाता उसके लिए भी 1500 करोड़ खर्च करके करीब 1000 करोड़ का घोटाला किया गया.