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नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए शिवसेना ने कहा है कि भाजपा ने उनकी पार्टी जेडीयू को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने भाजपा के साथ संबंध तोड़कर पलटवार किया। बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से शिवसेना नीतीश कुमार की जमकर प्रशंसा कर रही है। मुखपत्र सामना में शिवेसना ने कहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा से नाता तोड़कर तूफान खड़ा कर दिया है।
अगर यह तूफान चक्रवात में बदल जाए तो 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के लिए चुनौती बन सकता है। नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए शिवसेना ने कहा है कि भाजपा ने उनकी पार्टी जेडीयू को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने भाजपा के साथ संबंध तोड़कर पलटवार किया।
साथ ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर भी निशाना साधा है। उन पर तंज कसते हुए सामना में लिखा है कि उन्होंने दिल्ली के सामने घुटने टेक दिए। शिंदे को यह समझना चाहिए कि नीतीश कुमार ने दिखा दिया कि वह इसके बिना जीवित रह सकते हैं। शिवसेना ने लालू और नीतीश कुमार से दरार खत्म करने की अपील करते हुए लिखा है कि तेजस्वी यादव ने 2020 में राजद के विधानसभा चुनाव अभियान का नेतृत्व किया और बिहार के युवा और लोकप्रिय नेता बन गए।
शिवसेना ने आरसीपी की आड़ में भाजपा पर बोला हमला शिवसेना के संपादकीय में कहा गया है कि भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का समर्थन करके जद (यू) को अस्थिर करने की कोशिश की और यह महसूस करने के बाद कुमार ने भाजपा से नाता तोड़ लिया।
शिवसेना ने कहा कि समाजवादी नेता जय प्रकाश नारायण की भूमि बिहार में राजनीतिक क्रांतियों के नतीजे, पूरे देश में महसूस किए जाते हैं और राज्य में नया राजनीतिक गठजोड़ 2024 के लोकसभा चुनावों के परिणाम को बदल सकता है।
शरद पवार ने भी प्लान बी पर शुरू किया काम नीतीश द्वारा भाजपा से गठबंधन तोड़ते ही एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी सक्रिय हो गए हैं। शरद पवार को भी लग गया कि भाजपा को पीछे छोड़ने के लिए गठबंधन की मजबूती जरूरी है इसलिए उन्होंने प्लान बी पर काम करना शुरू कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शरद पवार का मानना है कि अगर सभी तीनों दल साथ बने रहेंगे और मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो राज्य में राजनीतिक फायदा भी उनके पक्ष में होगा और इसके लिए पवार ने ठाकरे से भी संपर्क किया है। इतना ही नहीं पवार अन्य विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने के लिए प्लान बना रहे हैं।