राजभर के बयान पर सिद्धार्थ नाथ सिंह ने किया करारा पलटवार,दिया ये बयान
गोंडा: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी जंग तेज होती जारी है.आज ही ओम प्रकाश राजभर ने बीजेपी के नेताओ की पिटाई वाला बयान दिया था. वही अब राजभर के बयान का जवाब यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने दिया है. दरअसल बुधवार को गोंडा जिले के तीन ब्लॉक वजीरगंज, तरबगंज व नवाबगंज में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक करने के लिए गए थे. जहा उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथो लिया.
इस दौरान उन्होंने भारतीय सुहेलदेव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर द्वारा बनारस में दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि, ओमप्रकाश राजभर कानून व्यवस्था अपने हाथ में लेना चाहते होंगे, तो कानून अपने तरीके से काम करेगा. चाहे वह चुनाव के पहले होगा या चुनाव के बाद होगा या इस दौरान होगा इलेक्शन कमीशन है, सभी संविधान से बनते हैं. मैं उम्मीद करता कि, इस प्रकार के अपशब्द का प्रयोग नहीं करेंगे. जनता ऐसे ही व्यक्ति के साथ क्या करती है वह वोट के माध्यम से लोकतांत्रिक माध्यम से जनता उनको जरूर सबक सिखाएगी. जो चोट उनको लगेगी शायद लोग उठने लायक नहीं रहेंगे. हमारे यहां विरोधाभास नहीं है. हमारे सभी मित्र हैं, राजनीति में कोई किसी का दुश्मन नहीं होता है. हम लोग एक दूसरे के विरोधी होते हैं.
आपको बता दें कि, ओम प्रकाश राजभर ने बनारस में एक सभा को सम्बोधित करते हुए कहा था कि, अगर बीजेपी के नेता वोट मांगने आए तो उनकी पिटाई करिए.
वही उन्होंने राकेश टिकैत द्वारा यूपी बॉर्डर सील करने व यूपी कूच करने वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि, कोई पाकिस्तान का बॉर्डर नहीं है जो राकेश टिकैत चल दिए हैं. उनको लगता है कि उस दिन सील कर देंगे, उस दिन कानून अपना काम करेगा.
वह यही नहीं रुके उन्होंने मायावती द्वारा दिए गए बयान पर भी पलटवार करते हुए कहा कि, क्या बोले उन लोगों के लिए जिन लोगों ने समाज को बांटकर राजनीति की है.आज वह समाज की बात कर रहे हैं. जिनका एक नारा बड़ा फेमस हुआ था, तिलक तराजू और तलवार मारो इनको... वह नारा देने वाले आज तिलक और तराजू की बात करने चले हैं, क्या करने चले हैं, इन लोगों पर समाज के किसी लोगों को विश्वास नहीं है.
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि, बीजेपी का कोई संप्रदाय नहीं है. सबका साथ सबका विकास के साथ पार्टी काम कर रही है. उसका विकास मुद्दा है. सांप्रदायिकता किसी भी पार्टी में होगा तो विपक्षी पार्टियों का होगा. आप सोचते हो कि वह अज्ञानी बैठा हुआ है, ब्राह्मण समाज सब समझ रहा है, जिन लोगों ने संप्रदायिकता और जाति की राजनीति की है उस तरफ नहीं देखेगा.बीजेपी को देखकर अन्य पार्टियां ब्राह्मण समाज के बाद अब बुद्ध पर सम्मेलन करने लगी हैं.