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12 घंटों की माथापच्ची के बाद सोनिया गांधी इस तरह बनीं कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष, जानिए पूरी हकीकत
नई दिल्ली: दो महीनों की अनिश्चितता के बाद कांग्रेस (Congress) को अपना अंतरिम अध्यक्ष मिल गया. शनिवार को कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की लगभग 12 घंटों तक चली बैठक के बाद पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के इस्तीफे के बाद से यह पद खाली था. राहुल गांधी दिसंबर 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस अध्यक्ष बने थे और लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. दिसंबर 2017 में पार्टी की बागडोर संभालने वाले राहुल गांधी ने 25 मई को सीडब्ल्यूसी (CWC) की बैठक में पार्टी प्रमुख के पद से अपना इस्तीफा दे दिया था और आम चुनावों में कांग्रेस की हार की नैतिक जिम्मेदारी ली थी.
इन सबके बीच शनिवार को पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए सीडब्ल्यूसी (CWC) की बैठक बुलाई गई थी. CWC की बैठक को 5 ग्रुप में बांटकर किया गया. इन समूहों को क्षेत्रवार बांटा गया था और सुझाव मांगे गए थे. बैठक में पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों, सचिव, सांसदों और विधायक दल के नेताओं का विचार जाना गया. विचारों के अनुरूप प्रस्ताव पारित किया गया कि राहुल गांधी अपने पद पर बने रहें और उनसे इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध किया गया. लेकिन राहुल गांधी ने इस अनुरोध को ठुकरा दिया. पूरे दिन, कांग्रेस नेताओं ने अलग-अलग नामों पर विचार किया. कुछ ने गैर-गांधी नामों को पार्टी प्रमुख के लिए सुझाया. इसके बाद, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने प्रस्ताव दिया कि सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए.
हालांकि, सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने पहले इस प्रस्ताव से इनकार कर दिया था. यहां तक कि बैठक में मौजूद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) ने चिदंबरम के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई. लेकिन उन्होंने कहा कि अगर सोनिया गांधी तैयार होती हैं तो कोई भी इस मामले में कुछ नहीं कह सकता. पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी विरोध करने के लिए खड़े हुए थे, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन्हें बैठने के लिए कहा. उन्होंने पूछा कि ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता है. सिंधिया ने कहा, 'जब राहुल गांधी सीडब्ल्यूसी (CWC) के फैसले को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं तो मैडम (सोनिया) को कार्यभार संभालने के लिए आगे आना चाहिए.'
इन सबके बीच अंबिका सोनी, आशा कुमारी और कुमारी शैलजा सहित कई कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा कि पार्टी गांधी परिवार के बिना काम नहीं कर सकती. उन्होंने सोनिया गांधी को राहुल को समझाने के लिए भी कहा, लेकिन उन्होंने उनसे बात करने से इनकार कर दिया.
इन नेताओं ने सोनिया गांधी को स्पष्ट रूप से कहा कि उन्हें पार्टी की जिम्मेदारी लेनी होगी और जब सीडब्ल्यूसी के सभी सदस्यों ने उनके अनुरोध को दोहराया, तो 72 वर्षीय यूपीए अध्यक्ष ने प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया. बता दें कि सोनिया गांधी (1998 से 2017 तक) 19 साल तक कांग्रेस अध्यक्ष रह चुकी हैं. सूत्रों के अनुसार, AICC के पदाधिकारियों को तब तक नहीं बदला जाएगा, जब तक कि सोनिया एक नई टीम का गठन नहीं करती.