राजनीति

सोनिया गांधी के महिला आरक्षण बिल पर सरकार से सवाल, महिलाओ को जरूर सुनना चाहिए सोनिया गांधी का ये वीडियो

Shiv Kumar Mishra
20 Sept 2023 1:03 PM IST
सोनिया गांधी के महिला आरक्षण बिल पर सरकार से सवाल, महिलाओ को जरूर सुनना चाहिए सोनिया गांधी का ये वीडियो
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बीजेपी इससे पहले भी कई मुद्दों से अपना पिंड छुड़ा चुकी है।

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा सोनिया गांधी ने आज लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर बोलते हुए कहा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की तरफ़ से मैं नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 के समर्थन में खड़ी हुई हूँ। धुएं से भरी हुई रसोई से लेकर रौशनी से जगमगाते स्टेडियम तक भारत की स्त्री का सफ़र बहुत लंबा है। लेकिन आखिरकार उसने मंज़िल को छू लिया है।उसने जन्म दिया, उसने परिवार चलाया, उसने पुरुषों के बीच तेज़ दौड़ लगायी और असीम धीरज के साथ अक्सर ख़ुद को हारते हुए लेकिन आख़िरी बाज़ी में जीतते हुए देखा।

सोनिया गांधी ने कहा, भारत की स्त्री के हृदय में महासागर जैसा धीरज है, उसने ख़ुद के साथ हुई बेईमानी की शिकायत नहीं की और सिर्फ़ अपने फ़ायदे के बारे में कभी नहीं सोचा। उसने नदियों की तरह सबकी भलाई के लिए काम किया है और मुश्किल वक़्त में हिमालय की तरह अडिग रही। स्त्री के धैर्य का अंदाज़ लगाना नामुमकिन है।वह आराम को नहीं पहचानती, और थक जाना भी नहीं जानती। हमारे महान देश की माँ है स्त्री। लेकिन स्त्री ने हमें सिर्फ़ जन्म ही नहीं दिया है। अपने आंसुओं, खून पसीने से सींचकर हमें अपने बारे में सोचने लायक बुद्धिमान और शक्तिशाली भी बनाया है।

सोनिया गांधी ने कहा, स्त्री की मेहनत, स्त्री की गरिमा और स्त्री के त्याग की पहचान करके ही हम लोग मनुष्यता की परीक्षा में पास हो सकते हैं। आज़ादी की लड़ाई और नए भारत के निर्माण के हर मोर्चे पर स्त्री पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ी है।वह उम्मीदों, आकांक्षाओं, तकलीफों और घर गृहस्थी के बोझ के नीचे नहीं दबी।

सरोजनी नायडू, सुचेता कृपलानी, अरुणा आसफ़ अली, विजय लक्ष्मी पंडित, राजकुमारी अमृत कौर और उनके साथ लाखों लाखों महिलाओं से लेकर आज की तारीख़ तक स्त्री ने कठिन समय में हर बार महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, बाबा साहेब अंबेडकर और मौलाना आज़ाद के सपनों को ज़मीन पर उतार कर दिखाया है। इंदिरा गाँधी जी का व्यक्तित्व इस सिलसिले में एक बहुत ही रौशन और ज़िंदा मिसाल है।

ख़ुद मेरी ज़िंदगी का ये बहुत मार्मिक क्षण है। पहली दफ़ा स्थानीय निकायों में स्त्री की भागीदारी तय करने वाला संविधान संशोधन मेरे जीवन साथी राजीव गांधी जी ही लाये थे - जो राज्य सभा में सात वोटों से गिर गया था। बाद में प्रधानमंत्री श्री पी वी नरसिम्हा राव जी के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने ही उसे पारित कराया। आज उसी का नतीजा है कि इस देश भर के स्थानीय निकायों के ज़रिये हमारे पास 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं। राजीव गांधी जी का सपना अभी तक आधा ही पूरा हुआ है, इस बिल के पारित होने के साथ ही वो पूरा होगा। कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है। हमें इस बिल के पास होने से ख़ुशी है मगर साथ साथ एक चिंता भी है।

सोनिया गांधी ने कहा, मैं एक सवाल पूछना चाहती हूँ। पिछले 13 वर्षों से भारतीय स्त्रियाँ अपनी राजनैतिक ज़िम्मेदारी का इंतज़ार कर रही हैं, और अब उन्हें कुछ वर्ष और इन्तज़ार करने को कहा जा रहा है।कितने वर्ष? दो वर्ष? चार वर्ष? छह वर्ष? आठ वर्ष? क्या भारत की स्त्रियों के साथ यह बर्ताव उचित है? भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की माँग है कि यह बिल फ़ौरन अमल में लाया जाये लेकिन इसके साथ ही जातीय जनगणना करा कर Scheduled Caste, Scheduled Tribe, OBC की महिलाओं के आरक्षण की व्यवस्था भी की जाए।

सोनिया गांधी ने कहा, सरकार को इसे साकार करने के लिए जो क़दम उठाने की ज़रूरत है वह उठाने ही चाहिए। स्त्रियों के योगदान को स्वीकार करने और उसके प्रति आभार व्यक्त करने का ये सबसे उचित समय है। इस बिल को लागू करने में और देरी करना भारतीय स्त्रियों के साथ घोर नाइंसाफ़ी है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की तरफ़ से मैं आपके द्वारा सरकार से माँग करती हूँ कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 के रास्ते की सारी रुकावटों को दूर करते हुए जल्दी से जल्दी लागू किया जाए। ऐसा करना ना सिर्फ़ ज़रूरी है बल्कि संभव भी है।”

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