राजनीति

सपा बसपा ने नहीं किया बदलाब तो बीजेपी के सामना करेंगे कैसे, हालांकि बीजेपी के लिए भी आसान नहीं है ये लोकसभा चुनाव

Shiv Kumar Mishra
24 Aug 2023 12:46 PM IST
सपा बसपा ने नहीं किया बदलाब तो बीजेपी के सामना करेंगे कैसे, हालांकि बीजेपी के लिए भी आसान नहीं है ये लोकसभा चुनाव
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SP BSP did not change then how will they face BJP

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर देशभर के सभी दलों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। हर पार्टी अपनी रणनीति बनाने में जुट गई हैं। वहीं इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजय अभियान को रोकने के लिए विपक्षी पार्टियां एक होकर चुनाव लड़ने का मन बना रही हैं। यहीं कारण है कि 18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी दलों ने महाबैठक कर सरकार के खिलाफ एक नया मोर्चा बनाया जिसका नाम इंडिया रखा गया है। फिलहाल इन सभी पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव में 75 जिलों वाले उत्तर प्रदेश एक मील का पत्थर साबित होने वाला है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की सबसे ज्यादा 80 सीटें आती हैं।

दरअसल, देशभर की कुल 543 लोकसभा सीटों में उत्तर प्रदेश 80 सीटों के साथ पहले स्थान पर आता है। फिलहाल 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश ने बीजेपी की जीत में अहम योगदान निभाया था। ऐसे में विपक्षी पार्टियों के लिए बीजेपी को हराने के लिए उत्तर प्रदेश के उनके किले को गिराना जरूरी हो गया है। आज हम आपको बताते हैं कि साल 2014 और साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में यूपी में किस पार्टी ने कितनी सीटें जीतने के साथ ही कितना वोट प्रतिशत हासिल किया था। बता दें कि साल 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की जनता ने सभी को हैरान कर दिया था। दोनों ही बार यूपी की 80 सीटों पर हुए लोकसभा चुनाव में एनडीए ने जीत दर्ज की थी।

बात करें साल 2014 की तो इस दौरान उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में 71 सीटों को अकेले बीजेपी ने अपने नाम किया था। ऐसा करने के साथ ही बीजेपी ने 43 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया था। वहीं कुल वोट प्रतिशत का मात्र एक प्रतिशत वोट हासिल कर अपना दल को 2 सीटों पर जीत मिली थी। प्रदेश में अपना दबदबा रखने वाली समाजवादी पार्टी को 22 प्रतिशत वोट के साथ 5 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं 8 प्रतिशत वोट के साथ कांग्रेस को सिर्फ 2 ही सीट पर जीत हासिल हुई थी। आरएलडी को एक प्रतिशत वोट मिले और उसका खाता तक नहीं खुला।साल 2014 मायावती की पार्टी बसपा के लिए सबसे बुरा रहा। उस समय की राष्ट्रीय पार्टी के रूप में पहचान रखने वाली बसपा 20 प्रतिशत वोट पाकर भी एक सीट जीतने को तरस गई थी।

इसके बाद पांच साल के अंतराल पर 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में एक बार फिर इतिहास ने खुद को दोहराया। फिलहाल इस बार जहां बीजेपी को कुछ ही सीट का नुकसान हुआ। वहीं बसपा अपनी साख बचाती नजर आई। 2019 के दौरान एनडीए में बीजेपी और अपना दल (एस) ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा और एनडीए का 51.19 प्रतिशत वोट शेयर रहा। जिसमें 50 प्रतिशत वोट शेयर के साथ बीजेपी ने 62 लोकसभा सीट अपने नाम की और अपना दल फिर से एक प्रतिशत वोट शेयर के साथ 2 सीट ही जीत पाई।

वहीं दूसरी ओर इस बार के महगठबंधन (बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल) को 39.23 प्रतिशत वोट शेयर मिला था। जिसमें बसपा को 19 प्रतिशत, सपा को 18 प्रतिशत और रालोद को 2 प्रतिशत वोट मिला था। जिसके साथ ही सीटों की बात करें तो अपनी साख बचाते हुए बसपा ने इस बार 10 सीटों को अपने नाम किया और सपा पिछली बार की ही तरह 5 सीटों पर जीत हासिल कर पाई। वहीं आरएलडी के हाथ एक बार फिर खाली ही रहे। साल 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के लिए सबसे शर्मनाक रहा। जहां 6 प्रतिशत वोट शेयर के साथ उसे सिर्फ एक सीट पर जीत मिली। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली रायबरेली सीट पर सोनिया गांधी ने जीत दर्ज की थी। वहीं लंबे समय से अमेठी सीट से सांसद बन रहे राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश में हार का मुंह देखना पड़ा था।

Shiv Kumar Mishra

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