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सुषमा स्वराज 67 वर्ष में निधन, जानिए कैसा रहा राजनीतिक करियर

Sujeet Kumar Gupta
7 Aug 2019 5:43 AM GMT
सुषमा स्वराज 67 वर्ष में निधन, जानिए कैसा रहा राजनीतिक करियर
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सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1953 को हरियाणा के अंबाला कैंट में हुआ।

नई दिल्ली : पूर्व विदेश मंत्री एवं बीजेपी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का मंगलवार रात निधन हो गया. वह 67 वर्ष की थीं. स्वराज को रात करीब साढ़े नौ बजे एम्स अस्पताल लाया गया और उन्हें सीधे आपातकालीन वॉर्ड में ले जाया गया. एम्स के चिकित्सकों ने बताया कि दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन की खबर सुनकर पूरे देश में शोक की लहर है. बीजेपी ही नहीं, बल्कि विरोधी दलों के नेता भी सुषमा स्वराज के निधन से स्तब्ध हैं. सुषमा स्वराज के घर पर उनको श्रद्धांजलि देने के लिए लोग पहुंच रहे हैं. अब से कुछ देर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और गृह मंत्री अमित शाह उनके घर श्रद्धांजलि देने पहुंचेंगे.

सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1953 को हरियाणा के अंबाला कैंट में हुआ। सुषमा स्वराज के राजनीतिक करियर की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ हुई. वह 1977 से 1982 तक हरियाणा विधान सभा की सदस्या रहीं. जिस समय वह विधायक बनी उस समय सुषमा की उम्र महज 25 वर्ष थी. इसके बाद वह हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी और लोकदल सरकार में 1987 से 1990 तक वह हरियाणा की शिक्षा मंत्री रहीं।

अप्रैल 1990 में सुषमा स्वराज को पहली बार राज्यसभा का सांसद नामित किया गया. 1996 में 11वें लोकसभा चुनाव में सुषमा स्वराज दक्षिण दिल्ली से सांसद चुनी गईं. 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी की 13 दिनों वाली सरकार में सुषमा स्वराज सूचना प्रसारण मंत्री बनीं। इसके बाद 1998 में सुषमा स्वराज एक बार फिर साउथ दिल्ली से लोकसभा सांसद चुनी गईं. इस बार उन्हें बाजपेयी सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री के अलावा दूरसंचार मंत्रालय का अतिरिक्त चार्ज दिया गया. वह इस पद पर मार्च 1998 से लेकर 12 अक्टूबर 1998 तक रहीं।

साल 2000 में सुषमा स्वराज उत्तर प्रदेश से राज्य सभा के लिए नामित की गईं. इस बार वह केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री बनीं. इस दौरान वह सिंतबर 2000 से लेकर जनवरी 2003 तक रहीं. सुषमा स्वराज स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, संसदीय कार्य मंत्री रहीं. स्वास्थ्य मंत्री रहते सुषमा स्वराज ने भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायपुर और ऋषिकेश में भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थानपना कराई। 15वीं लोकसभा चुनाव में सुषमा स्वराज मध्य प्रदेश की विदिशा लोकसभा सीट से चुनाव जीतीं. लालकृष्ण आडवाणी की जगह उन्हें लोकसभा में विपक्ष का नेता चुना गया। वह लोकसभा में विपक्ष की नेता 2014 आम चुनाव तक रहीं। 16वीं लोकसभा में नरेंद्र मोदी सरकार में सुषमा स्वराज 2014 से लेकर 2019 तक विदेश मंत्री रहीं। लेकिन 17 वीं लोकसभा में अपने स्वास्थ का हवाला देकर चुनाव लड़ने से मना कर दिया था।

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