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तेजस्वी यादव ने मोदी सरकार पर 'जातीय जनगणना' के मामले पर बोला हमला,कही ये बड़ी बात
पटनाःबिहार सरकार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जातीय जनगणना के मामले पर बीजेपी सरकार को घेरा. बीते कुछ दिनों पहले ही केंद्र सरकार ने एससी-एसटी के अतिरिक्त कोई जातीय जनगणना नहीं करने का निर्णय लिया है. इस फैसले के बाद जहां एक तरफ बिहार के सीएम नीतीश कुमार को झटका लगा था.क्योंकि बिहार विधानसभा से दो बार जातीय जनगणना को लेकर प्रस्ताव पारित किया जा चुका है.
तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा, "जनगणना में जानवरों की गिनती होती है जिसमें कुत्ता-बिल्ली, हाथी-घोड़ा, शेर-सियार, साइकिल-स्कूटर सबकी गिनती होती है. यहां तक कि कौन किस धर्म का है, उस धर्म की संख्या कितनी है इसकी गिनती होती है लेकिन उस धर्म में निहित वंचित, उपेक्षित और पिछड़े समूहों की संख्या गिनने में क्या परेशानी है? गणना के लिए जनगणना किए जाने वाले फॉर्म में बस एक कॉलम जोड़ना है. उसके लिए कोई अतिरिक्त खर्च भी नहीं होना है."
"जब तक पिछड़े वर्गों की वास्तविक संख्या ज्ञात नहीं होगी तो उनके कल्यानार्थ योजनाएं कैसे बनेंगी? उनकी शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक बेहतरी कैसे होगी? उनकी संख्या के अनुपात में बजट कैसे आवंटित होगा? वो कौन लोग हैं जो नहीं चाहते कि देश के संसाधनों में से सबको बराबर का हिस्सा मिले?"
वही गुरुवार को तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के दोनों सदनों में बीजेपी जातीय जनगणना का समर्थन करती है,लेकिन संसद में बिहार के ही कठपुतली मात्र पिछड़े वर्ग के राज्य मंत्री से जातीय जनगणना नहीं करवाने का ऐलान करवाती है.यहां उनका इशारा नित्यानंद राय की तरफ था.वही उन्होंने कहा कि भाजपा को पिछड़े/अतिपिछड़े वर्गों से इतनी नफरत क्यों है? इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर भी सवाल उठाया. कहा कि मोदी सरकार पिछड़े वर्गों के हिंदुओं को क्यों नहीं गिनना चाहती? क्या उन पिछड़े वर्गों के 70-80 करोड़ लोग हिंदू नहीं है?