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लोकसभा चुनाव : रमजान में वोटिंग पर मुस्लिम नेताओं और मौलानाओं ने उठाए सवाल!
नई दिल्ली : 2019 की महाभारत का ऐलान होते ही चुनाव तारीखों पर भी संग्राम शुरू हो गया है। कुछ विपक्षी दल जहां केंद्र सरकार के प्रभाव का आरोप लगाते हुए चुनाव घोषणा की टाइमिंग पर सवाल उठा रहे हैं तो वहीं पवित्र माह रमजान के दौरान वोटिंग पर भी सियासी बयानबाजी होने लगी है। तीन राज्यों पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश में वोटिंग की तारीखें रमजान के महीने में पड़ रही हैं। ऐसे में मुस्लिम नेताओं और मौलानाओं ने चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठाया है। इतना ही नहीं, उन्होंने इन तारीखों में बदलाव की मांग की है।
10 मार्च को चुनाव तारीखों की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि इस बार सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराए जाएंगे। 11 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग के बाद 18 अप्रैल, 23 अप्रैल, 29 अप्रैल, 6 मई, 12 मई और 19 मई को बाकी चरणों की वोटिंग होनी है।
कोलकाता के मेयर और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता फिरहाद हाकिम ने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक निकाय है और हम उसका सम्मान करते हैं। हम चुनाव आयोग के खिलाफ कुछ नहीं कहना चाहते, लेकिन सात फेज में होने वाले चुनाव बिहार, यूपी और पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए कठिन होंगे। इतना ही नहीं, इन चुनावों में सबसे ज्यादा परेशानी मुस्लिमों को होगी क्योंकि वोटिंग की तारीखें रमजान के महीने में रखी गई हैं।
वहीं दूसरी ओर इस्लामिक स्कॉलर, लखनऊ ईदगाह के इमाम और शहरकाजी मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने भी चुनावों की इन तारीखों पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से निवेदन किया है कि इन तारीखों को रमजान से पहले या फिर ईद के बाद रखा जाए। फरंगी महली ने कहा, 'चुनाव आयोग ने यूपी में 6,12 और 19 को भी वोट डालने का कहा है। जबकि 5 मई की रमजान मुबारक का चांद दिख सकता है 6 से रमजान का मुबारक महीना शुरू होगा। तीनो तारीखें रमजान के महीने में पड़ेंगी जिससे मुसलमानों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।'
उन्होंने कहा कि वह चुनाव आयोग से गुजारिश करते हैं कि चुनाव की तारीखें रमजान से पहले या ईद के बाद रखें ताकि ज्यादा से ज्यादा मुस्लिम वोट डालने निकलें और उन्हें कोई परेशानी न हो।
वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्लाह खान ने ट्वीट कर आपत्ति जाहिर की है। अपने ट्वीट में अमानतुल्लाह ने लिखा है, '12 मई का दिन होगा, दिल्ली में रमजान होगा, मुसलमान वोट कम करेगा और इसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा।'