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ओवैसी ने 'जनसंख्या नीति' पर योगी को घेरा,जानिए क्या कुछ कहा
उत्तर प्रदेश में जब से सीएम योगी 'जनसंख्या नियंत्रण नीति' लेकर आये है.तब से समूचा विपक्ष जनसंख्या नीति पर सवाल खड़े कर रहा है.भाजपा को समर्थन करने वाला संघठन विश्व हिन्दू परिषद् भी जनसंख्या नीति में परिवर्तन करने की बात कर रहा है.इसी बीच एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी उत्तर प्रदेश के चुनावी दौरे आए हुए है.
इसी दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने सीएम योगी को जनसंख्या नीति को लेकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार दिसंबर 2020 में SC में दिए अपने हलफनामे में यह बता चुकी है कि अंतरराष्ट्रीय अनुभव यह बताता है कि इससे 'जनसांख्यिकीय विकृति' पैदा हो जाएगी.उन्होंने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा यूपी के गांवो में स्वास्थ्य व्यवस्था का बुरा हाल है.उन्होंने कहा कि जब मोदी सरकार नहीं मानने को तैयार है तो ये बात समझ में नहीं आ रही है कि मोदी सरकार के खिलाफ योगी सरकार कैसे जा रही है.
वही असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा अगर जनसंख्या नीति लाई जाती है तो इससे महिलाओं का बड़ा नुकसान होगा क्योंकि बच्चे पैदा न करने की सूरत में महिलाओं को अबॉर्शन कराना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि यूपी की योगी सरकार जनसंख्या नीति के ऊपर विधि आयोग ने अपना एक पेपर दिया है और राय मांगी है. हमारी पार्टी की तरफ से भी उस राय को लिखकर विधि आयोग और यूपी सरकार को भिजवाएंगे.
AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी कहा कि हमारा मानना है ये कि पीएफआर रेट, अगर सन 2000 की जनसंख्या नीतिको देखेंगे तो बिना किसी जनसंख्या नीति के 3.2 से घटकर 2018 में 2.2 पर आ गया. ये कैसे आया? दूसरी बात ये कि मोदी सरकार ने दिसंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट को हलफनामे में कहा कि अंतरराष्ट्रीय अनुभव यह जाहिर करता है कि किसी तरह की जबरदस्ती से जनसांख्यिकीय विकृति पैदा हो जाएगी.
वही ओवैसी ने जनसंख्या नीति को संविधान के अनुछेद 21 के खिलाफ बताया है. यह प्रस्ताव सुप्रीम के संवैधानिक बैंच के फैसले के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि हमने राष्ट्रीय जनसंख्या नीति में कहा कि शादी इस उम्र में कीजिए., एक बच्चे के बाद गैप दीजिए. उसके बाद हमने शिक्षा का इंतजाम किया.