राष्ट्रीय

इस बार कौन सा शहर होगा मोदी की कर्मभूमि?

Shiv Kumar Mishra
28 Feb 2019 5:26 AM GMT
इस बार कौन सा शहर होगा मोदी की कर्मभूमि?
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साथ ही उनके पटना से भी चुनाव लड़ने की संकेत मिल रहे है. क्योंकि बिहार में इस बार थोड़ी हालात और रुख बदले से नजर आ रहे है. इधर लोकसभा चुनाव को लेकर पल पल पर नए समीकरण बनते नजर आ रहे है.

नई दिल्ली: 2014 में यूपी के वाराणसी से लोकसभा चुनाव में उतरने वाले मोदी ने सभी राजनैतिक विश्लेषकों के कयास ध्वस्त कर दिए थे. तो क्या मोदी इस बार यूपी की वाराणसी और गुजरात की बड़ोदरा सीट पर ही किस्मत आजमाएंगे या फिर किसी अन्य क्षेत्र से चुनाव में उतरकर अपने विरोधियों को चौंका देंगे. उनके अलग अलग लोकसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ने की चर्चा की कयास बाजी लगातार जारी है. जिस तरह के संकेत मिल रहे है उसके मुताबिक़ एक सीट तो वाराणसी ही रहेगी लेकिन दूसरी सीट कौन सी होगी कहना अभी मुश्किल नजर आ रहा है. लोंगों में चर्चा है कि पुरी से लेकर राजकोट तक कौन सी सीट होगी अभी कहना मुश्किल है. वैसे लगभग हर राज्य से उनके चुनाव लड़ने की मांग जोर पकड रही है.


मोदी की मांग की असली वजह क्या है?

पिछली बार मोदी का वाराणसी से चुनाव लड़ना ही यूपी में रिकार्ड जीत का सबसे बाद फैक्टर था. वाराणसी से चुनाव लड़ने का असर पूरे उत्तर प्रदेश में हुआ और पार्टी ने पहली बार यूपी में इतनी बड़ी जीत हासिल की. यूपी के चुनाव परिणाम का ही असर था कि चुनाव के बाद प्रधानमंत्री ने बड़ोदरा सीट से इस्तीफा दिया और वाराणसी सीट को बरकरार रखा ताकि कोई भी जनता के बीच गलत संदेश न चला जाय. वैसे भी वाराणसी में आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को हराया था. हालांकि अभी तक औपचारिक घोषणा तो नहीं हुई है लेकिन बीजेपी के बड़े नेता जरुर कह चुके है कि पीएम मोदी वाराणसी से ही चुनाव लड़ेंगे. मोदी यह गलती कभी नहीं करेंगे कि यूपी में कोई ऐसा संदेश जाय जिसमें यह साबित हो सके कि मोदी ने एक बार में ही यूपी को भुला दिया. जबकि यूपी ने उनके साथ साथ बीजेपी को भी सर पर विठा लिया है. उन्हें जनता के बीच जाने पर कोई दिक्कत न हो इसके लिए वाराणसी में कई परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया जा चूका है.


मोदी उस जगह से भी हो सकते है उम्मीदवार जहां बीजेपी को भी जीत की हो उम्मीद

हाल के दिनों में मोदी के ओड़िसा प्रदेश की पुरी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि ओड़िसा में बीजेपी को अपने विस्तार की जगह दिख रही है. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी इस प्रदेश में अनुमान के अनुसार जीत नहीं हासिल कर पाई. इसके चलते इस बार बीजेपी को ओड़िसा से काफी उम्मीद दिख रही है. अगर मोदी ओड़िसा की पुरी लोकसभा से चुनाव लड़ेंगे तो बीजेपी को पूरे ओड़िसा में फायदा मिलेगा. मोदी के चुनाव लड़ने से बीजेपी कार्यकर्ता का मनोबल दूना और उत्साह चौगुना हो जायेगा. चुनाव सिर्फ उत्साह और मनोबल पर लड़ा जाता है.


सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ मोदी का इस बार बड़ोदरा से चुनाव लड़ना मुश्किल दिख रहा है. क्योंकि पिछली बार मोदी ने इसी सीट से इस्तीफा दिया था. साथ ही साथ गुजरात बीजेपी भी मोदी को राजकोट से चुनाव ;लडाने की इच्छुक दिख रही है. हालांकि मोदी को बड़ोदरा से भी लड़ने में कोई नुकसान नहीं दिख रहा है. लेकिन राजनैतिक नजरिये से मोदी को राजकोट से चुनाव लडना बेहतर रहेगा. साथ ही उनके पटना से भी चुनाव लड़ने की संकेत मिल रहे है. क्योंकि बिहार में इस बार थोड़ी हालात और रुख बदले से नजर आ रहे है. इधर लोकसभा चुनाव को लेकर पल पल पर नए समीकरण बनते नजर आ रहे है. अब देखना यह है कि मोदी इसबार कौन से शहर का चयन करेंगे?

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