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कौन है अचानक इस्तीफा देने वाले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल?
चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने अपने पद से शनिवार को इस्तीफा दे दिया। उन्होंने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब लोकसभा चुनाव 2024 की संभावित घोषणा कुछ ही दिनों में होने वाली है। कानून मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, गोयल का इस्तीफा शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया जो आज से ही प्रभावित हो गया। हालांकि, गोयल का कार्यकाल दिसंबर 2027 तक था। तत्काल यह पता नहीं चला पाया है कि गोयल ने इस्तीफा क्यों दिया। ऐसे में उनके इस्तीफे को लेकर चर्चाएं गरम हो गई हैं।
जानें अरुण गोयल कौन हैं?
- अरुण गोयल ने 21 नवंबर, 2022 को चुनाव आयुक्त के तौर पर कार्यभार संभाला था।
- अरुण गोयल 1985 बैच के IAS अधिकारी हैं। वह भारी उद्योग मंत्रालय में सचिव के रूप में काम कर चुके हैं।
- अरुण गोयल दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष थे। वह श्रम और रोजगार मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार रहे हैं। वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग में संयुक्त सचिव भी रहे।
- साल 2022 में चुनाव आयुक्त के तौर पर नियुक्ति से पहले उन्होंने रिटायरमेंट ले ली। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय में भी वह काम कर चुके हैं।
- फिलहाल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार हैं जिनका कार्यकाल फरवरी, 2025 को समाप्त होगा। इसके बाद अरुण गोयल देश के अगले चीफ इलेक्शन कमीश्नर बनने की कतार में थे। मालूम हो कि चुनाव आयुक्त या सीईसी पद पर 6 साल तक या 65 वर्ष की आयु होने तक काम किया जा सकता है।
- इस बात पर भी ध्यान देने की जरूरत है कि चुनाव आयुक्त के तौर पर अरुण गोयल की नियुक्ति को 2022 में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
- मार्च, 2023 में इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अहम टिप्पणी की थी। बेंच ने कहा कि न केवल अरुण गोयल को सरकार की ओर से जल्दबाजी में नियुक्त किया गया, बल्कि उनका कार्यकाल 2 साल से थोड़ा अधिक होगा।
- सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और मुख्य न्यायाधीश की सदस्यता वाली समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति करेंगे, ताकि चुनाव की शुचिता बनी रहे।
गोयल का इस्तीफा लोकतंत्र के लिए चिंताजनक: कांग्रेस
वहीं, कांग्रेस ने चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे को भारतीय लोकतंत्र के लिए चिंताजनक बताया है। पार्टी ने कहा कि इस घटनाक्रम के बारे में सफाई दी जानी चाहिए। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि चुनाव आयोग के कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित की जानी चाहिए। वेणुगोपाल ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की सेहत के लिए यह बेहद चिंताजनक बात है कि चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने लोकसभा चुनाव के ठीक पहले इस्तीफा दे दिया है। निर्वाचन आयोग जैसी संवैधानिक संस्था कैसे काम कर रही है? इसमें बिल्कुल भी पारदर्शिता नहीं है।’ उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह निर्वाचन आयोग पर दबाव डालती है।