राजनीति

राज्यपाल ने बर्खास्त करके क्यों किया मंत्री को बहाल? फिर सीएम को लिखी ये चिठ्ठी

Shiv Kumar Mishra
30 Jun 2023 10:55 AM IST
राज्यपाल ने बर्खास्त करके क्यों किया मंत्री को बहाल? फिर सीएम को लिखी ये चिठ्ठी
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Why did the governor reinstate the minister after sacking him

तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करने के कारण राज्य में ही नहीं पूरे देश राजनीति गरमाई हुई। इस बीच राज्यपाल ने कैबिनेट मंत्री के बर्खास्तगी के आदेश पर फिलहाल स्टे लगा दिया। बालाजी पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। ईडी नकद के बदले नौकरी देने के आरोप में बालाजी से पूछताछ कर रही है।

मुख्यमंत्री को राज्यपाल ने लिखा पत्र

तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने कैबिनेट मंत्री वी सेंथिल बालाजी के बर्खास्तगी के आदेश पर फिलहाल स्टे लगा दिया है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को इस बारे में देर शाम पत्र भी भेज दिया है। मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में उन्होंने कहा कि अटॉर्नी जनरल से वे इस बारे में चर्चा करेंगे। अटॉर्नी जनरल से कानूनी राय लेंगे। गुरुवार सुबह राज्यपाल ने बालाजी को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा था कि वह इस फैसले को कानूनी रूप से चुनौती देंगे।

इसलिए किया था बालाजी को बर्खास्त

सेंथिल बालाजी को बर्खास्त करते हुए राजभवन ने एक विज्ञप्ति जारी किया था। विज्ञप्ति में कहा गया था कि बालाजी कई गंभीर मामलों में कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। इस दौरान मंत्री रहने के कारण वह जांच को प्रभावित कर रहे हैं। सेंथिल कानूनी और न्यायिक प्रक्रिया में बाधा डाल रहे हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि ऐसी आशंकाएं हैं कि वी सेंथिल बालाजी के मंत्रिपरिषद में बने रहने से निष्पक्ष जांच सहित कानून की प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जिससे राज्य में संवैधानिक तंत्र टूट सकता है। इन परिस्थितियों में राज्यपाल ने सेंथिल बालाजी को तत्काल प्रभाव से मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया है।

ईडी ने 14 जून को गिरफ्तार कर लिया था

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नौकरी के बदले नकदी मामले में बालाजी को 14 जून को गिरफ्तार किया था। छाती में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें चेन्नई के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में 15 जून को मद्रास उच्च न्यायालय ने सेंथिल बालाजी को निजी अस्पताल में शिफ्ट कर दिया। इसके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी, लेकिन उसने उच्च न्यायालय के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया।

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