राजनीति

योगेंद्र यादव और चित्रा त्रिपाठी आमने सामने, सड़क छाप गाली गलौज तक पहुंचा मामला

Shiv Kumar Mishra
21 May 2023 1:31 PM IST
योगेंद्र यादव और चित्रा त्रिपाठी आमने सामने, सड़क छाप गाली गलौज तक पहुंचा मामला
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डिबेट से मसला गाली गलौज तक पहुंचा

स्वराज इंडिया पार्टी के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने अपना आज तक की डिबेट का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा मैने पूछ ही लिया कि "आज तक" बार बार उस युग को क्यों याद कर रहा है जब अधिकांश मुख्य मंत्री और एक चौथाई सांसद ब्राह्मण होते थे? कहीं इसके पीछे कोई पीड़ा तो नहीं? या उस अतीत का मोह? जाहिर है सवाल मेरी ही नीयत पर उठाए गए!

इस बात से आहत होकर चित्रा त्रिपाठी ने उन्हे टेग करते हुए लिखा आपकी व्यक्तिगत कुंठा को समझा जा सकता है योगेंद्र यादव जी.मुझे आपके साथ सहानुभूति है. पहले अन्ना आंदोलन में अपने आपको कामयाब करने की कोशिश, फिर पद नहीं मिलने पर केजरीवाल से अदावत, फिर स्वयंभू बनने की कोशिश स्वराज आंदोलन से, अंततोगत्वा राहुल गांधी की शरण में ( जो एक जनेऊधारी ब्राह्मण हैं) मैं ये नहीं कहूँगी कि आप अतिपाखंडी हैं. मगर अपनी महत्वाकांक्षा के लिए मीठी ज़ुबान से समाज को विभाजित करना देश के साथ ग़द्दारी होती है. मेरा सवाल काट कर मुझे ट्रोल कराने के लिए धन्यवाद. ईश्वर आप पर रहम करे.

अब इस पर भी ट्रौल होना जरूरी था तब जैसे ही योगेंद्र यादव ने इसे पढ़ा तो उन्होंने फिर से उन्हे जबाब देते हुए लिखा अरे,आप तो सड़क छाप गाली गलौज पर उतर आयीं! सवाल का जवाब आरोप और जन्मपत्री से वही लोग देते हैं जिनके पास तर्क न बचे हों। अगर यूरोप अमरीका के टीवी पर इस तरह की बात कही जाती ऐसे "white supremacism" के लिए एंकर ही नहीं पूरी चैनल को माफ़ी मांगनी पड़ती।

खैर, कुछ और सवाल व एक प्रस्ताव:

१. क्या आज तक और इंडिया टुडे का एग्जिट पोल यह नहीं दिखाता कि कर्नाटक में कांग्रेस को पिछड़ों के वोट में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई? फिर कांग्रेस की जीत को पिछड़ी जातियों के समीकरण से जोड़ने की उतावली क्यों? आखिर यह मानने से परहेज क्यों हैं कि बीजेपी अपने निकम्मेपन और भ्रष्टाचार के कारण हारी?

२. अगर यह विश्लेषण करना भी था तो कर्नाटक के सन्दर्भ में यह उद्घोष क्यों जरूरी था कि एक जमाने में देश में १३ ब्राह्मण मुख्यमंत्री और एक चौथाई ब्राह्मण सांसद थे?

३. आपने शो में कांग्रेस की प्रवक्ता के बार-बार यह सही सवाल पूछा कि उनकी सरकार ने 2011 के सर्वे की रिपोर्ट जारी क्यों नहीं की। लेकिन मेरे दो बार याद दिलाने के बाद भी बीजेपी के प्रवक्ता से यह क्यों नहीं पूछा कि उन्होंने 2010 में जाति जनगणना और 2018 में ओबीसी जनगणना का समर्थन क्यों किया था?

४. मैंने आपका कौनसा सवाल काटा है? "आज तक" ने जो क्लिपिंग जारी की, बस उसे फॉरवर्ड किया है। इतना झूठा आरोप क्यों?

५. अगर आप मेरे बारे में यह राय रखती हैं तो शो में मुझे "वरिष्ठ", "पढ़ा-लिखा" और "आदरणीय" वगैरा क्यों बता रही थीं? आप शो में झूठ बोलती हैं?

मुझे विश्वास है कि इन सब सवालों पर 'आज तक' में मुझसे चर्चा करने का समय निकलेंगी। मुझे इंतज़ार रहेगा।

इस बार योगेंद्र यादव ने यह बात लिखकर चित्रा त्रिपाठी के साथ साथ आज तक और अरुण पूरी को भी टेग की है।

फिलहाल इस लड़ाई में दोनों को ट्रौल किया जा रहा है दोनों समझदार व्यक्तियों प्र कीचण उछला जा रहा है।

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