- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- अंतरिक्ष से चेतावनी:...
अंतरिक्ष से चेतावनी: केदारनाथ के पीछे फिर पनप रही है तबाही
साल 2013 में केदारनाथ में आई प्राकृतिक आपदा के चलते पूरी केदारनाथ घाटी तहस-नहस हो गई थी. करीब 5000 लोग मारे गए थे. हजारों लोग विस्थापित हो गए थे. करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ था. तब विशेषज्ञों ने इस तबाही का कारण मानसून का जल्दी आ जाना और ग्लेशियरों का पिघलना बताया था.
इस तबाही के 6 साल बाद केदारनाथ की चोराबाड़ी झील में दोबारा पानी इकट्ठा हो रहा है. यह वही झील है जो 2013 में आए महाविनाश की मुख्य वजह बनी थी. अब इसमें फिर से पानी एकत्र होने लगा है. सेटेलाइट तस्वीरों के जरिए पता चला है कि 2013 की तबाही जैसा खतरा फिर से निकट आ रहा है.
जमी हुई चोराबाड़ी झील के कुछ नई तस्वीरें दिखाती हैं कि केदारनाथ धाम से दो किलोमीटर ऊपर कई जगह पानी एकत्र हो रहा है और पानी एकत्र होने वाली जगहों की संख्या बढ़ रही है.इंडिया टुडे की डाटा इंटेलीजेंस यूनिट (DIU) ने चोराबाड़ी झील की इन सेटेलाइट तस्वीरों में चार महत्वपूर्ण जल समूहों की पहचान की है.
यह तस्वीरें लैंडसैट 8 और सेंटीनेल-2B सेटेलाइट से 26 जून, 2019 को ली गई हैं. यह तस्वीरें दिखाती हैं कि पिछले एक महीने में जल समूहों की संख्या दो से बढ़कर चार हो गई है. आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि उत्तराखंड सरकार ने एहतियाती उपाय करने शुरू कर दिए हैं.