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सिख धर्म संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती पर पाकिस्तान के पीएम इमरान खान करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करने जा रहे है. जबकि 9 नवंबर को होने वाला यह समारोह अभी से ही विवादों में घिर गया है. सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिनमें दरबार साहिब, करतारपुर गुरद्वारे की छत पर पाकिस्तान का झंडा नजर आ रहा है. दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान ने गुरुद्वारे में खंडे वाला झंडा (हर गुरुद्वार में नजर आने वाला झंडा जिसे निशान साहिब कहा जाता है) लगाने की बजाए पाकिस्तानी झंडा छाप दिया है.
पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही तस्वीर करतारपुर गुरुद्वारे की नहीं बल्कि इमिग्रेशन सेंटर की है. फेसबुस यूजर "दिवाकर डीपी" ने तस्वीर को साझा किया, जिस पर अंग्रेजी में लिखा गया है, इसका हिंदी अनुवाद है: "यहां देखें—पाकिस्तान ने करतारपुर गुरुद्वारे की छत पर खंडे वाले झंडे की जगह अपना झंडा छाप दिया है. अब खालिस्तानी कहां हैं—क्या अब वे डर गए हैं? क्या सिख डर गए हैं या इस्लाम कबूल कर रहे हैं?"
यह पोस्ट ट्विटर पर भी वायरल है.
वायरल तस्वीरों का सच जानने के लिए हमने इन्हें रिवर्स सर्च की मदद से ढूंढा तो पाया कि यह इमारत गुरुद्वारा दरबार साहिब, करतारपुर की नहीं है. हमें पाकिस्तानी वेबसाइट "द एक्स्प्रेस ट्रिब्यून" पर एक न्यूज आर्टिकल मिला जिसमें वायरल हो रही तस्वीरें भी मौजूद थीं.
इस आर्टिकल के अनुसार यह तस्वीरें इमिग्रेशन सेंटर की हैं. इसके बाहर 150 फीट ऊंचा पाकिस्तानी झंडा लगाया गया है. गुरुद्वारे में आने वाले विदेशी श्रद्धालुओं के लिए इसे तैयार किया गया है.
हाल ही इमरान खान ने भी दरबार साहिब, करतारपुर गुरुद्वारे की कुछ तस्वीरें ट्वीट की थीं.
گرونانک جی کے 550ویں جنم دن کی تقریبات کے لئے ریکارڈ مدت میں کرتاپور تیار کرنے پر میں اپنی حکومت کو دلی مبارکباد پیش کرتا ہوں۔ pic.twitter.com/2cyPNbDemh
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) November 3, 2019
इन तस्वीरें में साफ देखा जा सकता है कि गुरुद्वारे की बिल्डिंग और वायरल हो रही तस्वीर में कोई समानता नहीं है. गुरुद्वारे का टॉप व्यू गूगल मैप्स पर देखा जा सकता है.
इतना ही नहीं गुरुद्वारे पर खंडे वाला पारंपरिक झंडा भी लगाया गया है. गूगल मैप्स पर यूजर्स ने गुरुद्वारे की कुछ ताजा तस्वीरें अपलोड की हैं, जिनमें यह झंडा देखा जा सकता है.
दरबार साहिब गुरुद्वारे का नवीनीकरण
करतारपुर कॉरिडोर का कंस्ट्रक्शन और गुरुद्वारे के नवीनीकरण का काम पूरा हो चुका है. हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर को लेकर एक एग्रीमेंट भी साइन किया गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस एग्रीमेंट के तहत रोजाना 5,000 भारतीय श्रद्धालु करतारपुर गुरुद्वारे में बिना वीजा के जा सकते हैं. गुरु नानक देव ने यहां अपने जीवन के आखिरी 18 साल बिताए थे. यह कॉरिडोर भारत के पंजाब में स्थित डेरा बाबा नानक स्थल से अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से साढ़े चार किलोमीटर अंदर करतारपुर गुरुद्वारे तक के लिए है.