- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
स्कूटर मैकेनिक पर आया अमेरिकी लड़की का दिल, भारत आकर की शादी
अमेरिका से आई एक लड़की ने अपने प्यार को अनोखे तरीके से परवान चढ़ाया और अमृतसर के एक स्कूटर मैकेनिक का हाथ थाम कर शादी के बंधन में बंध गई. दोनों की मुलाकात फेसबुक पर हुई थी. सिर्फ 7 महीने में ही दोनों का प्यार परवान चढ़ा था.
पहले फेसबुक पर दोस्ती हुई, फिर एक दूसरे के नंबर एक दूसरे को दिए. इसके बाद उन दोनों के बीच प्यार पनप गया. बाद में अमेरिका की एमिली ने अमृतसर के पवन कुमार से शादी कर ली. पवन कुमार के मुताबिक, एक एमिली मुझे फेसबुक पर रिक्वेस्ट आई. मैंने वह स्वीकार कर ली और फिर नंबर का आदान-प्रदान हुआ.
7 महीने बाद एमिली ने उसे शादी का प्रपोजल दिया, लेकिन उसने इतनी दूर अमेरिका में जाने के लिए पैसे की कमी बताई. आखिरकार विदेशी लड़की ने खुद ही कदम उठाया और अमृतसर पहुंच गई. यहां पवन के साथ हिन्दू रीति रिवाज से शादी की. विदेशी लड़की इस शादी के बाद काफी खुश है और उसका कहना है कि वह खुशी-खुशी पवन के साथ रहेगी.
पवन की मां का कहना है कि उन्हें खुशी है कि उन्हें एक विदेशी बहू मिली है. हालांकि, उन्हें उसकी भाषा समझने में परेशानी जरूर आती है लेकिन धीरे-धीरे वह उस भाषा को समझने लगेगी. पवन की पिता शेर चंद का भी मानना है कि अगर बच्चे खुश हैं तो वह भी खुश हैं.