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लगभग दो सालों तक, घर से दिन-रात मेहनत करने के बाद उन्होंने फरवरी 2020 में शहर में अपनी छोटी सी दुकान भी शुरू की। आज न सिर्फ लोग अपने घरों के लिए, उनसे व्यंजन खरीदते हैं बल्कि कई लोग उनसे ज्यादा मात्रा में चीजें खरीद कर आगे बेचते भी हैं।
52 वर्षीया बलविंदर कौर पंजाब के भठिंडा में अपना फूड स्टार्टअप- ज़ेबरा स्मार्ट फूड्स चला रही हैं। जिसके जरिए वह अचार, चटनी, मुरब्बा, मल्टीग्रेन आटा, स्क्वॉश और बिस्कुट जैसे खाद्य उत्पाद ग्राहकों तक पहुँचाती हैं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि बलविंदर ने अपने व्यवसाय की शुरुआत 2018 में अपने घर से ही की थी। बलविंदर कौर कभी भी खाली नहीं बैठना चाहती थीं। इसलिए, वह अपने घर से ही कुछ न कुछ करने की कोशिश करती रहीं। पहले उन्होंने अपने घर में 'पेइंग गेस्ट/पीजी' का काम शुरू किया। हालांकि, कुछ सालों में ही उन्होंने यह काम बंद कर दिया।
वह बताती हैं, "मुझे हमेशा से ही तरह-तरह के अचार, मुरब्बा आदि बनाने में दिलचस्पी रही है। मैंने घर में अपनी दादी और माँ को हमेशा मौसम के हिसाब से, कई तरह के अचार बनाते हुए देखा था। साल 2018 में, उन्होंने मात्र 10 हजार रुपये से अपना व्यवसाय शुरू किया। वह बताती हैं, "मैंने छोटे स्तर पर काम शुरू किया और सबकुछ अपने घर से ही करती थी। मुझे कई व्यंजन बनाने आते थे लेकिन, व्यवसाय चलाने के लिए और भी स्किल की जरूरत होती है। जिसमें डॉ. गुरप्रीत कौर ढिल्लो ने मेरी काफी मदद की। डॉ. गुरप्रीत कौर ढिल्लो, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के रीजनल स्टेशन, भठिंडा में बतौर असिस्टेंट फूड टेक्नोलॉजिस्ट नियुक्त हैं। इस केंद्र का उद्देश्य किसानों, महिलाओं और युवाओं को फूड प्रोसेसिंग की ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बनाना है। दिल्ली में लगे एक ऑर्गेनिक मेला में उन्होंने स्टॉल लगाया था और वहीं पर उन्हें गुरुग्राम और नोएडा से कई ग्राहक मिल गए। लॉकडाउन के पहले, उनके व्यंजन गुरुग्राम और नोएडा तक पहुँच रहे थे। लेकिन, वर्तमान में उनका काम सिर्फ पंजाब तक ही सीमित है।
उन्होंने आगे कहा कि बलविंदर बहुत ही मेहनती हैं और उन्होंने न सिर्फ अपना व्यवसाय खड़ा किया है बल्कि वह 10 महिलाओं को रोजगार भी दे रही हैं।
अचार की बात करें तो वह मौसमी फल और सब्जियां जैसे आम, नींबू, आंवला, मिर्च, मूली, गाजर आदि का अचार बनाती हैं। वह आंवले की कैंडी और मुरब्बा भी बनाती हैं। साथ ही, सेब का मुरब्बा भी आप उनसे खरीद सकते हैं। आम और अमरूद के स्क्वॉश के अलावा वह सेब, लीची, गुलाब आदि का शर्बत भी बनाती हैं।
इसके अलावा, उन्होंने रागी, बाजरा, कोदो, ज्वार, चना आदि को मिलाकर 'मल्टीग्रेन आटा' भी बनाना शुरू किया है। यह आटा सामान्य गेहूं के आटा से ज्यादा बेहतर रहता है, खासकर डाइबिटीज के मरीजों के लिए। इसी तरह, वह ग्लूटन-फ्री आटा और बिस्कुट भी बनाकर ग्राहकों को उपलब्ध करा रही हैं।