2022 के पंजाब चुनाव में जशरीर से जुड़े भाई सोहना-मोहना भी मतदान करेंगे। खास बात तो यह है कि दोनों के ही अलग-अलग वोट बने हैं, जिसका वह अपने लोकतांत्रिक अधिकार के तहत इस्तेमाल करेंगे। बताया गया है कि मतदान के दौरान उनकी निजता का पूरा ध्यान रखा जाएगा। वो अपना वोट मनमुताबिक डाल सकें इसके लिए आयोग स्पेशल इंतजाम करने जा रहा है। बता दें कि पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ एस करुणा राजू का कहना है कि चुनाव आयोग ने दोनों को अलग-अलग वोटरों में शुमार किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 14 जून 2003 को नई दिल्ली के सुचेता कृपलानी अस्पताल में दोनों जुड़वां भाइयों का जन्म हुआ। सोहना-मोहना के कमर के नीचे का हिस्सा एक है, जबकि ऊपर का हिस्सा दो है। इन दोनों के दो दिल, दो जोड़ी गुर्दे, दो जोड़ी हाथ और रीढ़ की हड्डी है लेकिन एक ही लीवर और एक जोड़ी पैर है। जन्म के बाद इन्हें इनके माता-पिता ने छोड़ दिया। फिर उन्हें एम्स में ट्रांसफर कर दिया गया। हालांकि वहां एक की जान पर खतरा होने के कारण डॉक्टरों ने इन्हें अलग-अलग करने का फैसला नहीं किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार डॉक्टरों ने इन्हें अमृतसर के पिंगलवाड़ा चैरिटेबल ट्रस्ट को सौंप दिया। दो महीने के सोहना-मोहना को ट्रस्ट में लाया गया था। इसके बाद यही ट्रस्ट इनका घर बन गया। पिंगलवाड़ा ट्रस्ट का कहना है कि बहुत सी संस्थाएं इन्हें लेना चाहती थीं। लेकिन अस्पताल ने हमें दे दिया। जब ये बड़े हुए तो किशोर हॉस्टल में चले गए।
बता दें कि दोनों जुड़वा भाइयों का शरीर धड़ से जुड़ा होने के कारण उनके माता-पिता ने भले ही छोड़ दिया पर इन दोनों ने हार नहीं मानी। 10वीं तक पढ़ाई और आईटीआई की ट्रेनिंग के बाद पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन में इनकी नौकरी लग गई। इन्हें हर महीने 20 हजार रुपये मिलते हैं। दरअसल, सोहना को काम मिला है और मोहना साथ में मदद करता है। दोनों भाई नौकरी का श्रेय भी ट्रस्ट को देते हैं।
एक दूसरे का सहारा बने ये भाई जिंदगी जीने के साथ ही आज सरकारी नौकरी भी कर रहे हैं। सोहना-मोहना कहते हैं कि हम कोई अलग इंसान नहीं हैं। हम सब की तरह ही हैं। हमने सपने में नहीं सोचा था कि इतना अच्छा स्टाफ मिलेगा। हम सरकार चाहते हैं कि बेरोजगारों की मदद करे।