चंडीगढ़

फरीदकोट के आखिरी शासक की बेटी दीप इंद्र कौर का हिंदू-सिख रिवाज से संस्कार

Special Coverage News
12 Nov 2018 3:33 PM GMT
फरीदकोट के आखिरी शासक की बेटी दीप इंद्र कौर का हिंदू-सिख रिवाज से संस्कार
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फरीदकोट रियासत के अंतिम शासक महाराजा हरेंद्र सिंह बराड़ की मंझली बेटी दीप इंद्र कौर मेहताब का फरीदकोट के शाही घराने की शाही समाधाें में बर्धमान रियासत के शाही परिवार व हजारों फरीदकोट वासियों की उपस्थिति में हिंदू व सिख रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके बेटे जयचंद मेहताब ने उनकी चिता को मुख्याग्नि दी।


फरीदकोट के अंतिम महाराजा हरेंद्र सिंह बराड़ की मंझली बेटी दीप इंद्र कौर जो कानूनी तौर पर महाराज की उत्तराधिकारी भी थी, का रविवार दोपहर 12.40 पर निधन हो गया था। पश्चिम बंगाल के वर्धमान राजघराने में विवाहित राजकुमारी दीप इंद्र कौर मेहताब पिछले माह अपने पिता की पुण्यतिथि के समागम में हिस्सा लेने को फरीदकोट आई थीं। बीमार होने के कारण उनका रियासती ट्रस्ट द्वारा संचालित बलबीर अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा उपचार चल रहा था।


रविवार दोपहर उपचार के दौरान ही अचानक उनका निधन हो गया। उनके एक बेटी निशा व एक बेटा जयचंद महताब हैं जोकि उनकी मौत के समय राजमहल में उनके साथ थे। आज शाही समाधों में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनकी आत्मिक शांति के लिए अंतिम अरदास, भोग व श्रद्धांजलि समारोह रविवार 17 नवंबर को होगा।


फरीदकोट रियासत के अंतिम महाराजा हरिन्द्र सिंह बराड़ के घर तीन बेटियों व एक बेटे ने जन्म लिया था। इनमें से बेटे की मौत तो महाराजा के जीवित रहते ही हो गई थी। बेटियों में से बड़ी बेटी अमृत कौर को महाराजा ने बेदखल कर दिया था, जबकि सबसे छोटी बेटी महीप इंद्र कौर का करीब 16 साल पहले निधन हो गया था। ऐसे में राजकुमारी दीप इंद्र कौर फरीदकोट के महाराजा की जानशीन थी।


राजकुमारी दीप इंद्र कौर का विवाह 1959 में वर्धमान रिसायत के महाराज बीर जयवर्धन के बेटे सदा चंद महताब से हुआ था। देशभर की शाही रियासतों में शामिल रही फरीदकोट रियासत के नाम देश के विभिन्न हिस्सों में करोड़ों की चल-अचल संपत्ति है। इसकी निगरानी के लिए महाराजा हरेंद्र सिंह बराड़ की वसीयत के मुताबिक महारावल खीवा जी ट्रस्ट बना हुआ है। अब इसकी चेयरपरसन भी महारानी दीपइंद्र कौर महताब थी और इसी वजह से उनका फरीदकोट में आना-जाना रहता था।

शाही परिवार के करीबियों के अनुसार राजकुमारी दीप इंद्र कौर महताब हर साल बाबा फरीद आगम पर्व के दौरान फरीदकोट आती थीं। इस बार बीमार होने की वजह से वह मेले में नहीं पहुंच पाई थीं, लेकिन 17 अक्टूबर को अपने पिता महाराजा हरेंद्र सिंह बराड़ की पुण्यतिथि समागम में भाग लेने के लिए 11 अक्टूबर को फरीदकोट आई थीं।

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