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पंजाब : लगता है कांग्रेस नेतृत्व अनुशासन तोड़ने वालों के समक्ष अपने को असहाय समझ रहा है । इसलिए अनेक नेता सार्वजनिक रूप से पार्टी विरोधी बयान देकर कांग्रेस की जर्जर इमारत को पूरी तरह ध्वस्त करने पर आमादा है । बावजूद इसके नेतृत्व कोई कार्रवाई करने के, चुपचाप तमाशा देख रहा है ।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अभी तक पार्टी से औपचारिक इस्तीफा नही दिया है । लेकिन उनके द्वारा पार्टी विरोधी बयान देना जारी है । शीर्ष नेतृत्व उनके खिलाफ न तो कार्रवाई करने की हिम्मत दिखा रही है और न ही उन्हें पार्टी से निकालने की ताकत है । पंजाब के प्रभारी हरीश रावत के मुताबिक पार्टी कैप्टन के खिलाफ कोई कार्रवाई करने का इरादा नही रखती है ।
हरीश रावत से कल रात को हुई बातचीत में उन्होंने दो टूक शब्दों में इनकार किया कि पार्टी नेतृत्व कैप्टन के विरुद्ध किसी तरह की कार्रवाई नही करेगा । कानूनन अमरिंदर सिंह आज भी कांग्रेस पार्टी का हिस्सा है । उन्होंने सार्वजनिक रूप से यह अवश्य कहा है कि वे अब कांग्रेस में नही है । जब तक लिखित इस्तीफा पेश नही किया जाता और उसे स्वीकृति नही मिलती, तब तक कैप्टन कांग्रेस में ही माने जाएंगे ।
हरीश रावत से मैंने जानना चाहा कि कैप्टन लगातार कांग्रेस और शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ जहर उगल रहे है । ऐसे पार्टी विरोधी व्यक्ति के खिलाफ किसी तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का इरादा है ? रावत ने स्पस्ट तौर पर कहाकि "नही"। कार्रवाई क्यों नही होगी, इसका कारण उन्होंने नही बताया है । उनसे और भी कई सवाल पूछे गए, लेकिन वे सभी सवालों को टाल गए ।
उधर कैप्टन अपनी नई पार्टी बनाने में व्यस्त है । यह तो तय होगया है कि वे अब कांग्रेस में नहीं रहेंगे । ऐसी स्थिति में दो ही विकल्प है कि वे या तो अपना खुद का दल या पार्टी बनाए अथवा सीधे ही बीजेपी में शामिल हो जाए । कैप्टन की बात पर भरोसा किया जाए तो वे बीजेपी में नही जाएंगे । ऐसे में उनके सामने नई पार्टी बनाने का विकल्प है ।
कैप्टन शांत होकर बैठ जाएंगे या राजनीति से सन्यास लेंगे, इसकी संभावना बिल्कुल नजर नही आती है । उनका अब एकमात्र उद्देश्य है नवजोतसिंह सिद्धू और कांग्रेस की ईंट से ईंट बजाना । जहाँ तक आम आदमी पार्टी में जाने का सवाल है, इसकी संभावना दिखाई नही देती है । देर सवेर वे खुद की पार्टी बनाकर नई पारी की शुरुआत करेंगे ।