- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
Punjab: पंजाब में 12710 संविदा शिक्षक हुए नियमित, नियुक्ति पत्र लेते रो पड़े कई शिक्षक
पंजाब की सरकार ने प्रदेश के संविदा/कच्चे टीचरों की 10 साल पुरानी मांग पूरी करते हुए आज उन्हें नियमित कर दिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ में एक प्रोग्राम में करीब 12710 कच्चे टीचरों की सेवाएं स्थायी करने का ऐलान किया। उन्होंने सर्विस प्रोवाइडर/टीचरों को नियुक्ति पत्र भी दिए।
मुझे कच्चा (संविदा) शब्द पसंद नहीं: भगवंत मान
CM भगवंत मान ने कहा कि मुझे कच्चा शब्द ही पसंद नहीं है। बाकी 150-200 कच्चे टीचरों को भी पक्का कर दिया जाएगा, लेकिन थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। टीचरों को दी जा रही 3-6 हजार रुपए तनख्वाह मजाक से कम नहीं था। टीचरों के हक मांगने पर उन पर लाठीचार्ज किया जाता रहा, लेकिन उनकी सुध नहीं ली गई।
बाकी बचे शिक्षक भी होंगे नियमित
CM भगवंत मान ने कहा कि जब उन्होंने टीचरों को पक्का करने का विचार किया तो अफसरों ने कई प्रकार की जजमेंट की रूकावट बताई। फिर अध्यापकों के 10 साल की सर्विस पर विचार किया तो कई टीचरों के अल्पकाल के ब्रेक की अड़चन को अगली समय सीमा से जोड़ कर दूर करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि अब तक कच्चे घरों का रिवाज भी खत्म हो चुका है तो टीचर कच्चे नहीं होने चाहिएं। आज से टीचरों के मुंह से कच्चा शब्द हट गया है और 58 वर्ष की आयु तक कोई परेशानी नहीं होगी।
सैलरी देने में बजट की परेशानी नहीं आने दी जाएगी
मान ने कहा कि उन्होंने 3500 रुपए वेतनमान लेने वाले टीचर की तनख्वाह 15 हजार, 6 हजार वेतनमान वाले टीचर की 18 हजार, 11 हजार वेतनमान वाले 22 हजार रुपए, 12 हजार वेतनमान वाले की 24 हजार रुपए सैलरी कर दी है, लेकिन अफसरों ने इससे राज्य सरकार के खजाने पर बोझ पड़ने की बात कही।
उन्होंने कहा कि टीचर सालों बाद भविष्य का वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। गनीमत है कि वह अपना सालों पुराना पैसा नहीं मांग रहे। उन्होंने करीब 20 साल बाद वेतनमान वृद्धि का फैसला सही बताते हुए अब इसे लागू किया है। उन्होंने कहा कि सरकारों के पास पैसे की कमी नहीं, केवल नीयत साफ होनी चाहिए।
नियुक्ति पत्र लेते रो पड़ी महिला शिक्षिका
सीएम द्वारा नौकरी रेगुलर करने किए जाने की घोषणा करते ही कई महिला टीचर भावुक हो गईं। वह भावुक होते हुए मुख्यमंत्री मान के गले लगीं और सदैव आप (AAP) सरकार का साथ देने की बात कही। साथ ही भगवंत मान जिंदाबाद के नारे भी लगाए। उन्होंने कहा कि वह जब कभी भी वोट डालेंगी तो उनकी सरकार को ही डालेंगी।