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राजस्थान के सूरतगढ़ के करीब मिग-21 फाइटर जेट क्रैश हो गया। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, हादसा मंगलवार शाम को हुआ और इसकी वजह तकनीकी खराबी बताई जा रही है। हादसे से पहले पायलट ने खुद को इजेक्ट कर लिया था और वो सुरक्षित है। भारतीय वायुसेना ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं।
रूस और चीन के बाद भारत सबसे बड़ा ऑपरेटर
रूस और चीन के बाद भारत मिग-21 का तीसरा सबसे बड़ा ऑपरेटर है। 1964 में इस विमान को पहले सुपरसोनिक फाइटर जेट के रूप में एयरफोर्स में शामिल किया गया था। शुरुआती जेट रूस में बने थे और फिर भारत ने इस विमान को असेम्बल करने का अधिकार और तकनीक भी हासिल कर ली थी।
तब से अब तक मिग-21 ने 1971 के भारत-पाक युद्ध, 1999 के कारगिल युद्ध समेत कई मौकों पर अहम भूमिका निभाई है। रूस ने तो 1985 में इस विमान का निर्माण बंद कर दिया, लेकिन भारत इसके अपग्रेडेड वैरिएंट का इस्तेमाल करता रहा है।
26 नवंबर को क्रैश हुआ था नेवी का MiG-29K
26 नवंबर को इंडियन नेवी का ट्रेनी एयरक्राफ्ट MiG-29K क्रैश हो गया था। इस एयरक्राफ्ट में दो पायलट सवार थे। इनमें से एक को रेस्क्यू कर लिया गया था और दूसरे पायलट की तलाश में अरब सागर में 11 दिन तक सर्च ऑपरेशन चलाया गया। बाद में उसका शव बरामद हुआ था। इंडियन नेवी ने बताया कि शव कमांडर निशांत सिंह का था।
नेवी ने बताया था कि MiG-29K क्रैश होने की जानकारी 27 नवंबर को अफसरों को मिली थी। इस साल MiG-29K का यह तीसरा क्रैश था। फरवरी में गोवा में रूटीन सॉर्टी (प्रैक्टिस उड़ान) के दौरान नेवी का MiG क्रैश हो गया था। तब पायलट ने खुद को विमान से सुरक्षित बाहर निकाल लिया था।
MiG-29 एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रमादित्य से ऑपरेट होते हैं। हाल ही में मालाबार में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के संयुक्त युद्धाभ्यास में MiG विमानों में हिस्सा लिया था।