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रमेश शर्मा
तीन दिन पहले की गई घोषणा के अनुरूप पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अजमेर से जयपुर तक की पैदल यात्रा का आज अजमेर में शुभारंभ कर दिया। पायलट का आज जयपुर से अजमेर रानीखेत एक्सप्रेस से पहुंचना पहले चर्चा में रहा की पहले ट्रेन से क्यों आ रहे हैं। एक प्रमुख समाचार पत्र के अनुसार पैदल यात्रा के दौरान खतरा होने की आशंका से राजस्थान के डीजीपी को पायलट की पैदल यात्रा के दौरान पूर्ण रूप से कड़ी सुरक्षा के निर्देश दिए गए। पैदल यात्रा के दौरान सीआरपीएफ की टीम को भी उनकी सुरक्षा में लगा दिया गया। जिसको लेकर कई सियासी मायने लगाए जा रहे हैं।
पायलट को पहले से ही केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में वाई श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था मुहैया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने डीजीपी को एक गोपनीय पत्र भेजकर कड़े सुरक्षा बंदोबस्त करने के निर्देश दिए हैं। सीआरपीएफ की एक बटालियन के जवान पायलट की सुरक्षा के लिए अजमेर भेज पहुंच गए। जो वर्दी में और सादे वस्त्रों में यात्रा के दौरान तैनात रहेंगे। पायलट का जयपुर से ट्रेन से अजमेर आने के कार्यक्रम को भी सुरक्षा व्यवस्था से जोड़ा जा कर देखा जा रहा है। रेल यात्रा के दौरान भी आरपीएफ की सिक्योरिटी रही बताइ।
पायलट ने भी पैदल यात्रा आरंभ करने से पहले प्रेस से रूबरू होते हुए कहा कि पैदल यात्रा किसी के विरुद्ध नहीं है बल्कि पेपर लीक मामले में आरपीएससी के एक सदस्य की लिप्तता पाई जाने के बाद उनकी गिरफ्तारी और पिछली भाजपा सरकार के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप के बावजूद भी जांच नहीं किए जाने को लेकर है। पायलट ने कहा की कर्नाटक में भी कांग्रेस जीतने जा रही है इसका मुख्य कारण यह है कि वहां भी विपक्षी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे राजस्थान में भी चुनाव से पहले वसुंधरा सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे और जांच कराने की बात कही थी तभी हम बहुमत में आए मगर जांच नहीं होने पर इसी जांच के लिए मैंने 11 अप्रैल को शहीद स्मारक पर धरना भी दिया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई!
कुल मिलाकर पायलट की पैदल यात्रा को लेकर युवाओं में जोश देखा गया इसके अलावा पायलट समर्थक कांग्रेस के लगभग सभी नेता भारी संख्या में वहां मौजूद थे अजमेर के स्थानीय नेता 9 मई से की व्यवस्था में जुट गए थे। सबसे बड़ी बात यह रही थी कांग्रेस आलाकमान द्वारा 9 मई को पायलट द्वारा घोषणा किए जाने के बावजूद भी कोई दिशा-निर्देश नहीं देने के बावजूद भी पायलट समर्थक विधायक और मंत्री मौजूद नहीं थे लेकिन पायलट समर्थक नेताओं का कहना है कि खुद पायलट ने अपने ही उन लोगों को पैदल मार्च से दूर रखने को कहा बताया!
देखने वाली बात यह होगी कि लगभग 25 किलोमीटर प्रतिदिन चलकर 125 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर जयपुर पहुंचने पर जयपुर में पायलट के समर्थन में कितने लोग पहुंचेंगे। हांलांकि पायलट के किसी भी प्रोग्राम में भारी तादाद में युवाओं की मौजूदगी रहती है लेकिन पैदल यात्रा में शिक्षित युवा और बेरोजगारों के समर्थन में निकाली जा रही इस पैदल यात्रा में अनुमान से अधिक भीड़ तंत्र मौजूद रहने की पूरी संभावना जताई जा रही है!