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मसूदा के राव दुष्यंत सिंह, एक बार मसूदा पूर्व राज घराने के दुष्यंत बना ने कांग्रेस से विधायक की दावेदारी जताई!
वैसे तो राजस्थान के तत्कालीन राज घरानों में मसूदा का नाम आज भी पहचान कायम किए हुए है। इतना ही नहीं मसूदा के तत्कालीन राज घराने के राव नारायण सिंह मसूदा और महारानी उर्मिला का नाम राज घराने के साथ लंबी राजनीति सियासत और सरकार में प्रतिनिधित्व भी लोगों की स्मृति में है। इसी घराने के दुष्यंत बना जिन्हे राव दुष्यंत सिंह के नाम से जाना जाता है। होटल व्यवसाय के साथ साथ कांग्रेस की राजनीति से नाता जोड़ा रखा। लेकिन इस बार इसी वर्ष होने वाले विधान सभा चुनाव के लिए प्रदेश कांग्रेस द्वारा विधायक प्रत्याशी के लिए जब आवेदन मांगे गए तो राव दुष्यंत सिंह ने भी मसूदा ब्लॉक कांग्रेस में मसूदा से विधायक प्रत्याशी के लिए आवेदन प्रस्तुत किया।
दुष्यंत बना के विधायक का चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर करने के बाद मसूदा क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई है। दुष्यंत बना की दावेदारी इस लिए भी सुदृढ़ मानी जा सकती है चूंकि विजयनगर मसूदा विधान सभा का हिस्सा है। और विजयनगर को स्थापित करने में मसूदा के तत्कालीन राजा राव विजय सिंह का महत्पूर्ण योगदान रहा। बताया जाता है की विजयनगर में स्टेशन स्थापित भी तभी हो पाया था। आज भी दुष्यंत बना का इसी क्षेत्र में रिसोर्ट भी है। अगर मसूदा घराने के राजनीति सरोकार की बात की जाए तो दुष्यंत बना के पिता राजस्थान के रियासात कालीन शासक एवं सर्वप्रथम जो दो राजपूत कांग्रेस से विधान सभा सदस्य बने वह राजा हरिश्चंद्र सिंह झालावाड़ और राव नारायण सिंह मसूदा थे ।
उस दौरान क़रीब सभी राजपूत नेता स्वतंत्र पार्टी में हुआ करते थे। राव नारायण सिंह जी 1952-57 तक तत्कालीन अजमेर मेरवाड़ा विधान सभा के सदस्य बने और विलय के पश्चात 1957 से 1977 तक मसूदा से लगातार कांग्रेस विधायक रहे एवं तेरह वर्ष तक राजस्थान विधान सभा के डिप्टी स्पीकर और मंत्री रहे उनकी पत्नी रानी उर्मिला देवी एआईसीसी की मेंबर और अजमेर ज़िला कांग्रेस की कई वर्षों तक, अध्यक्ष रहीं, एक दशक तक राजस्थान समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष रहीं.
पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी सभी से इस परिवार की नज़दीकियाँ रही और ये सभी एक न एक समय राव साहेब के अजमेर निवास पर भी आए भी बताए। जहां तक बात की जाए दुष्यंत बना की तो दुष्यंत सिंह - पूर्व कार्यकारिणी सदस्य राजस्थान पीसीसी, सचिव राजस्थान प्रदेश यूथ कांग्रेस, महामंत्री अजमेर युथ कांग्रेस और अध्यक्ष मसूदा कांग्रेस पदों पर रह चुके है। पिछले एक वर्ष से स्थानीय वाद की आवाज बुलंद होने के बीच अब दुष्यंत की दावेदारी ने एक बार क्षेत्र की कांग्रेस की राजनीति में सरगर्मियां बढ़ा दी है। देखने वाली बात यह होगी की क्या कांग्रेस इस क्षेत्र में लंबे समय तक राजनीतिक, सरकार में प्रतिनिधित्व करने वाले इस और खुद भी कांग्रेस में विभिन्न पदों पर रहे दुष्यंत बना के आवेदन को कितना वेटेज देगी।