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तो क्या राकेश पारीक का केकड़ी जिले के लिए नही था समर्थन?
रमेश शर्मा
केकड़ी को जिला बनाने की मांग को लेकर विधायक रघु शर्मा के सानिध्य में जब केकड़ी क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ता जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन देने पहुंचे थे तब रघु शर्मा द्वारा गहलोत को एक कागज थमाते हुए यह कहा जाते दिखते हुए की केकड़ी जिले के लिए मसूदा के विधायक राकेश पारीक का भी समर्थन है, ऐसा वीडियो वायरल होने के बाद केकड़ी और मसूदा के कांग्रेस कार्यकर्ताओं सहित भाजपा में भी जबरदस्त आक्रोश था लेकिन जब मुख्यमंत्री द्वारा केकड़ी को जिला घोषित कर दिया गया और उसके बाद रघु शर्मा के रविवार को केकड़ी पहुंचने पर जब उनका स्वागत करने का विशाल कार्यक्रम आयोजित हुआ।
उसमें राकेश पारीक की गैरमौजूदगी शायद यही संदेश दे रही है पारीक का केकड़ी जिला बनाने के लिए कोई समर्थन नहीं रहा होगा तभी उन्हें सम्मान समारोह में नहीं देखा गया। यह बात अभी तक सामने नहीं आई है कि राकेश पारीक को बुलाया नहीं गया या फिर वह नहीं गए लेकिन राकेश पारीक के पत्र को लेकर जब राजनीतिक तूफान उठा था तब विधायक राकेश पारीक ने भी ऐसा कोई पत्र लिखने की बात को ऐसे की बात से इंकार किया था। और जब केकड़ी जिला बनाने के जश्न में उनकी गैर मौजूदगी रही तो शायद यह सामने आ गया कि पारीक द्वारा केकड़ी जिले के मामले में कोई पत्र नहीं लिखा गया था! खैर जो भी हो केकड़ी जिला बन गया । केकड़ी जिले में मसूदा का कुछ भाग शामिल होगा या नहीं होगा अब इस बात की अटकलें जोरों पर है।
डोटासरा की नाराजगी,क्या गुल खिलाएगी!
अब बात करते है प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की जो कल दिल्ली में आयोजित सत्याग्रह मैं नाराजगी को लेकर है।। बताया जाता है कि सत्याग्रह में राजस्थान से कई नेताओं द्वारा सक्रिय भूमिका नहीं निभाने और वहां नहीं पहुंचने को लेकर डोटासरा जी खासे नाराज हैं। उन्होंने कहा बताया कि जो लोग राहुल गांधी के साथ नहीं उनका कांग्रेस में रहने का अधिकार नहीं, कहा तो यह भी जा रहा है कि लगभग 7 दर्जन ऐसे नेताओं की एक सूची भी बनाई गई है जिसको पूरे तथ्यात्मक रिपोर्ट के साथ दिल्ली भेजा जाएगा।
जानकार सूत्रों के अनुसार डोटासरा ने कहा है कि जो लोग आलाकमान के निर्देशों की पालना नहीं करते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होना निश्चित है उन्होंने यह भी आरोप लगाए कुछ लोग ऐसे हैं जो पर्दे के पीछे रहकर राजनीति कर रहे हैं ऐसे लोगों को आने वाले समय में महत्वपूर्ण कमेटियों से अलग कर दिया जाएगा।! हो सकता है कि उन्हें टिकट से वंचित किया जाए, देखने वाली बात होगी क्या डोटासरा जी की नाराजगी क्या रंग लाती है?