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इरफान खान की अनसुनी कहानी IPS अफसर की जुबानी, जब कोई नहीं आगे आया इरफान ने बचाई थी जान
भरतपुर: अनेकों फिल्मों में अपनी बेहतर भूमिका अदा कर लोगों के दिलों पर राज करने वाले फिल्म अभिनेता इरफ़ान खान ने बुधवार को मुंबई के अस्पताल में अंतिम सांस ली। भरतपुर जिला पुलिस अधीक्षक आईपीएस अफसर हैदर अली जैदी जो इरफान खान के बचपन के दोस्त को जब यह समाचार मिला ताे वो खुद को भावुक होने से रोक नहीं पाए। इरफान के पड़ोसी और स्कूल-कॉलेज में साथ पढ़े हैदर अली ने एनबीटी को बताया कि वो बचपन से एक साथ खेलते-पढ़ते बड़े हुए। बॉलीवुड स्टार बनने के बाद भी इरफान दोस्तों के दूर नहीं हुए और लगातार संपर्क में रहे। इरफान के निधन पर दुख जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद अभिनय में मुकाम पाने वाले इरफान ने हमेशा जमीन से जुड़कर सभी का साथ दिया। बेहतरीन एक्टर के साथ-साथ वे बेहतर इंसान भी थे।
जब इरफान ने दोस्त की बचाई जान
हैदर अली ने बताया कि इरफान और वो बचपन से ही साथ रहे। स्कूल-कॉलेज में साथ पढ़े, साथ खेले लेकिन आज वह इस दुनिया में नहीं रहे जो हम सभी के लिए दुःख का विषय है। उन्होंने बताया कि मैंने जयपुर से अर्थशास्त्र से एमए किया और इरफान खान ने उर्दू में मास्टर डिग्री ली। एक बार जब हम कॉलेज में थे और घर लौट रहे थे तो रास्ते में मुझे बिजली का करंट लग गया, मैं तड़प रहा था लेकिन वहां से गुजर रहा कोई शख्स मदद को नहीं आया। लेकिन तब इरफान ने मुझे करंट से छुड़ाया और मेरी जान बचाई थी।
दोस्त की खैरियत पूछने इंग्लैंड गए
बीमारी का पता लगने पर इरफान खान ने विदेश में इलाज करवाया। इस दौरान उनकी खैरियत जानने उनके मित्र हैदर अली जैदी भी इंग्लैंड गए थे। उन्होंने बताया कि इरफान और वो एक सच्चे दोस्त के रूप में काफी समय तक साथ रहे लेकिन आज जब सूचना मिली की इरफ़ान बेहद बीमार हैं और फिर अचानक इस दुनिया को छोड़कर चले जाने की सूचना मिली तो विश्वास नहीं हुआ।
बेहद ही अच्छे इंसान थे
जैदी कहते हैं कि आज कोरोना संकट के दौरान जब में इरफान से मिलने मुंबई नहीं जा सका इसका दुख है। लेकिन उनके परिजनों और भाइयों से लगातार संपर्क रहा हूं। इरफान की हालत पूछता रहता था। इस समय हम ईश्वर, अल्लाह और सर्वोच्च शक्ति से दुआ करते हैं कि इरफान के परिजनों को संकट की इस घड़ी से निकालने की हिम्मत दें। वह बेहद ही अच्छे इंसान थे, जब इंसान आपस में इतना नजदीक होता है तब उसके बारे में दूर रहकर अपने बयान व्यक्त नहीं कर सकते हैं।