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राजस्थान में फाइटर प्लेन मिग-21 क्रैश, एक किलोमीटर दूर सुरक्षित मिला पायलट
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राजस्थान के बाड़मेर में एयरफोर्स का मिग 21 फाइटर जेट क्रैश हो गया है। एयरफोर्स के मुताबिक, हादसा बुधवार को शाम 5.30 बजे भूरटिया गांव में हुआ। फाइटर जेट ट्रेनिंग उड़ान पर था। टेक ऑफ के बाद इसमें तकनीकी खराबी आ गई और प्लेन एक झोपड़ी पर जा गिरा, जिससे उसमें आग लग गई। प्लेन क्रैश होने से पहले पायलट ने खुद को इजेक्ट कर लिया था। एयरफोर्स ने प्लेन क्रैश होने पर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ऑर्डर कर दी है।
क्रैश हुए मिग 21 फाइटर का पायलट हादसे की जगह से एक किलोमीटर दूर नवजी का पाना गांव के पास मिला। स्थानीय लोगों ने उसे संभाला और प्रशासन को सूचना दी। इसके बाद पुलिस और प्रशासन ने घटनास्थल को सील कर दिया है। एयरफोर्स की टीम भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गई है। बाड़मेर कलेक्टर लोकबंधु के मुताबिक, विमान का मलबा 2 किलोमीटर तक फैला है। इस दौरान एक झोपड़ी जल गई। गनिमत रही कि उस दौरान उसमें कोई नहीं था। वायुसेना की टीम मौके पर पहुंची है। टीम विमान के ब्लैक बॉक्स को कब्जे में ले लिया है। पायलट को भी अस्पताल में भर्ती कराया है।
इससे पहले 17 मार्च को भी एक हादसे में फाइटर विमान MIG-21 बाइसन उड़ान के दौरान क्रैश हुआ था। इस हादसे में एयरफोर्स के कैप्टन की जान चली गई थी। जनवरी में राजस्थान के सूरतगढ़ में भी मिग-21 बाइसन क्रैश हुआ था। उस वक्त उड़ान के दौरान विमान में तकनीकी खराबी आ गई थी।
रूस और चीन के बाद भारत सबसे बड़ा ऑपरेटर
रूस और चीन के बाद भारत मिग-21 का तीसरा सबसे बड़ा ऑपरेटर है। 1964 में इस विमान को पहले सुपरसोनिक फाइटर जेट के रूप में एयरफोर्स में शामिल किया गया था। शुरुआती जेट रूस में बने थे और फिर भारत ने इस विमान को असेम्बल करने का अधिकार और तकनीक भी हासिल कर ली थी।
तब से अब तक मिग-21 ने 1971 के भारत-पाक युद्ध, 1999 के कारगिल युद्ध समेत कई मौकों पर अहम भूमिका निभाई है। रूस ने तो 1985 में इस विमान का निर्माण बंद कर दिया, लेकिन भारत इसके अपग्रेडेड वैरिएंट का इस्तेमाल करता रहा है।