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गहलोत सीएम रहें तो दक बन सकते है डीजीपी अगर पायलट सीएम बने तो डीजीपी हो सकते है जैन!
महेश झालानी
राजस्थान : वर्तमान पुलिस महानिदेशक मोहन लाल लाठर तीन वीक बाद अगले माह की 3 तारीख को सेवानिवृत हो जाएंगे । नया डीजीपी कौन बनेगा, यह राजनीतिक धुंध छंटने के बाद तय होगा । अभी यह भी निश्चित नही है कि अशोक गहलोत मुख्यमंत्री पद पर बरकरार रहते भी है या नही । राजस्थान का राजनीतिक परिदृश्य 19 अक्टूबर के बाद परिष्कृत होकर सामने आएगा । वैसे नया डीजीपी बनने के लिए अफसरों ने लॉबिंग प्रारम्भ करदी है ।
राजस्थान में जबरदस्त राजनीतिक घमासान मचा हुआ है । न स्वयं अशोक गहलोत आश्वस्त है कि वे सीएम पद पर बरकरार रहेंगे और न ही उनके समर्थक पूरी तरह आश्वस्त है । जिस तरह के राजनीतिक हालत चल रहे है, उसको देखकर किसी तरह की भविष्यवाणी करना बेमानी होगा । सीएम पद पर गहलोत भी बरकरार रह सकते है तो सचिन पायलट की संभावनाओं को पूरी तरह खारिज नही किया जा सकता है । हो सकता है गहलोत और पायलट की लड़ाई में किसी तीसरे व्यक्ति के नाम लाटरी खुल जाए ।
यदि गहलोत सीएम पद पर बरकरार रहते है तो ज्यादा संभावना है कि भूपेंद्र कुमार दक को नया डीजीपी बनाने की प्रबल सम्भवना है । गहलोत के दक बेहद करीबी और विश्वासपात्र है । वे गहलोत के गृह जिला जोधपुर में रेंज आईजी और पुलिस आयुक्त के पद पर कार्य कर चुके है । इनकी राह में ज्यादा कांटे नही है । लाठर के रिटायर्ड होने के साथ ही इसी 31 दिसम्बर को बीएल सोनी और पंकज कुमार रिटायर्ड होंगे । वरीयता के हिसाब से होमगार्ड के डीजी उत्कल रंजन साहू है । लेकिन इनकी राजनीतिक पहुंच कम है, इसलिए इनके डीजीपी बनने की संभावना न के बराबर है ।
दक के अलावा सौरभ श्रीवास्तव भी गहलोत के काफी निकटतम है । लेकिन वरिष्ठता में फिलहाल इनका नम्बर 13 है । लेकिन राज्य सरकार 1991 बैच तक के किसी भी अधिकारी को डीजीपी बना सकती है । चयनित पोस्ट के लिए वरिष्ठता को लांघा जा सकता है । जैसे मीठालाल मेहता और निरंजन आर्य को चीफ सेक्रेटरी बनाने के लिए कई अधिकारियों की वरिष्ठता की अनदेखी की गई । इंटेलिजेंस के डीजी उमेश मिश्रा बेहद काबिल और ईमानदार अफसरों में शुमार है । सरकार को गिरने से बचाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है । यूपी का होना इनके लिए दुखदायी हो सकता है ।
अगर सत्ता की कमान गहलोत के बजाय सचिन पायलट के हाथ मे जाती है तो ज्यादा संभावना है कि धर्मचंद जैन नए डीजीपी बने । वर्ष 1991 बैच के अधिकारी वर्तमान में सीबीआई में अतिरिक्त निदेशक पद पर कार्यरत है । जैन टोंक के निवासी है । जबकि पायलट यहाँ से विधायक है । जैन की छवि भी कुशल और ईमानदार अफसरों में होती है । इनके पायलट से सम्बंध भी अच्छे बताए जाते है । नई परिस्थितियों में नीना सिंह को भी डीजीपी बनाया जा सकता है । फिलहाल वे प्रतिनियुक्ति पर सीआईएसएफ में एडीजी के पद पर तैनात है । यदि कोई तीसरा व्यक्ति मुख्यमंत्री बनता है तो नया डीजीपी कौन होगा, अनुमान लगाना कठिन है ।