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स्थाई नौकरी की चाहत में पति पत्नी ने अपने दुधमुंही बच्ची को नहर में फेंका
बीकानेर जिले के छतरगरण में रविवार को 3 माह की बच्ची को नहर में फेंकने का मामला सामने आया है. बच्ची को एक बाइक सवार पुरुष औऱ महिला ने नहर में फेंक दिया था. घटना देख ग्रामीण दौड़े तो बाइकसवार भाग निकले. ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी और किसी तरह बच्ची को बाहर निकाला लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. छानबीन के बाद जब पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ. आरोपी और कोई नहीं बच्ची के माता-पिता ही निकले. गंभीर बात ये है कि बच्ची को केवल इसलिए नहर में फेंककर मार दिया गया ताकि आरोपी पिता की नौकरी बनी रहे।
जानिए CO ने क्या बताया
CO खाजूवाला विनोद कुमार ने बताया कि आरोपी पिता ग्राम पंचायत चांडासर में विद्यालय सहायक के पद पर संविदा पर कार्यरत था. उसने दो बच्चे होने का ही शपथ पत्र दिया था औऱ उसे संदेह था कि जांच में हाल ही हुई तीसरी बच्ची का पता चलने पर उसकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है या उसका स्थायीकरण रुक सकता है. इस कारण उसने पत्नी के साथ मिलकर अपनी तीन माह की बच्ची को इंदिरा गांधी नहर में फेंक दिया।
CO विनोद कुमार ने बताया कि रविवार शाम दियातरा निवासी झंवरलाल अपनी पत्नी गीता के साथ ससुराल आया था. रास्ते में वापसी के दौरान उसने अपनी तीन माह की बच्ची अंशिका को छतरगढ़-बीकानेर भारतमाला रोड स्थित पुलिया पर से इंदिरा गांधी नहर में फेंक दिया और फिर वहां से रवाना हो गए. बच्ची की नहर में डूबने से मौत हो गई. प्रत्यक्षदर्शियों ने प्रथम दृष्ट्या मोटरसाइकिल सवार एक महिला व एक पुरुष का घटना में शामिल होना बताया. बच्ची के शव को काफी मशक्कत के बाद नहर से निकाला गया एवं जिले में नाकाबन्दी करवाई गई. पुलिस तकनीकी आधार पर जांच कर संदिग्ध मोटरसाइकिल सवारों की पहचान की और बाइकसवार दोनों माता-पिता को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो दोनों जुर्म कबूल कर लिया. पुलिस भी बच्ची को सिर्फ नौकरी बची रहने के मार देने की घटना सुनकर हैरानी हुई. दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
इसलिए फेंका नहर में
आरोपी पति-पत्नी झंवरलाल (35) निवासी दियातरा थाना कोलायत तथा गीता देवी दोनों की अंशिका चौथी संतान थी. इन दोनों अपनी एक बेटी को अपने छोटे भाई को गोद दिया हुआ था. 13 अक्टूबर 2022 को अंशिका के जन्म लेने से झंवरलाल जो कि ग्राम पंचायत चांडासर में विद्यालय सहायक के पद पर संविदा पर कार्यरत था उसने इसी दिसम्बर माह में खुद के दो बच्चे होने के बाबत शपथ पत्र दिया था. ऐसे में उसको अंदेशा था कि अंशिका के होने की बात पता चलने पर उसकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है इसलिए उसने बच्ची को नहर में फेंककर मौत के घाट उतार दिया।