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बीजेपी दो तिहाई बहुमत के बाद क्यों हार गई एक वोट से यह चुनाव!
अभी विधानसभा चुनाव में मिली हार से बीजेपी को निजात नहीं मिली थी. तब तक जयपुर नगर निगम के मेयर के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार मनोज भारद्वाज एक वोट से चुनाव हार गये. इस चुनाव में बीजेपी के बागी उम्मीदवार विष्णु लाटा नगर निगम के नए मेयर चुने गए 45 वोटों के साथ उन्होंने जीत हासिल की है. वहीं बीजेपी उम्मीदवार मनोज भारद्वाज एक वोट से चुनाव हार गए हैं. और उन्हें कुल 44 वोट मिले.
उल्लेखनीय है अशोक लाहोटी पहले जयपुर के मेयर थे. लेकिन लाहोटी हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में सांगानेर से विधायक बन गए हैं. विधायक बनने के बाद लाहोटी ने मेयर पद से इस्तीफा दे दिया था. 91 पार्षदों वाले जयपुर नगर निगम में 63 पार्षद बीजेपी के हैं. गौरतलब है कि बीजेपी से बागी हुए विष्णु शर्मा लाटा ने भी मेयर पद के लिए नामांकन भरा. जीत के तुरंत बाद लौटा को मेयर पद की शपथ दिलाई गई. रिटर्निंग ऑफीसर अरविंद सारस्वत ने उन्हें मेयर पद की शपथ दिलाई. इस दौरान जयपुर नगर निगम के तमाम पार्षद मौजूद रहे.
विष्णु लाटा सांगानेर क्षेत्र के वार्ड 42 से भाजपा के पार्षद हैं. यह नगर निगम में लाइसेंस कमेटी के चेयरमैन पद भी कार्यरत रहे हैं. चुनाव से पहले सोमवार को भाजपा ने अपने सभी पार्षदों को अजमेर रोड स्थित एक रिजल्ट पर रखा था. विष्णु लाटा बिना किसी को सूचना दिए रिसोर्ट से चले गए थे. लाटा के रिसॉर्ट में दिखाई नहीं देने पर उनके साथी पार्षद उन्हें फोन करते रहे. लेकिन उन्होंने किसी पार्षद का फोन नहीं उठाया. इसके बाद पार्षदों ने उन्हें रिसोर्ट में ढूंढा देर रात तक लाटा का पता नहीं लग पाया था. जिसके बाद में मंगलवार सुबह सीधे नामांकन भरने पहुंचे थे.
सोमवार को विष्णु लाटा ने सुबह 11:00 बजे पार्षदों से खाली कागज पर हस्ताक्षर करवाकर अपने पक्ष में लामबंद कराने का प्रयास किया था. पार्षदों ने उपस्थिति पत्र समझ कर इस पर हस्ताक्षर कर दिए थे. लेकिन जब पार्षदों को पता चला तो लाटा का विरोध किया गया. विरोध के बाद संगठन ने हस्ताक्षर किए कागजों को फडवा दिया था. इस इन कागजों पर 22 पार्षदों के हस्ताक्षर थे.
परिणाम आने के बाद लाटा ने संवाददाताओं से कहा, ''मुझे कांग्रेस, कुछ बीजेपी और निर्दलीय पार्षदों का समर्थन मिला. मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं.'' कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर लाटा ने कहा कि वह इस बारे में बाद में फैसला करेंगे. उन्होंने कहा, ''मेरी प्राथमिकता जयपुर का विकास है.''
गौरतलब है कि पिछले महीने अशोक लाहोटी के विधायक चुने जाने के कारण मेयर पद पर फिर से चुनाव करवाना पड़ा. निगम में फिलहाल 90 पार्षद हैं जिनमें से 63 बीजेपी के और 19 कांग्रेस के पार्षद शामिल हैं. निगम के पांच साल के मौजूदा एक ही कार्यकाल में तीसरी बार मेयर पद के लिए चुनाव हो रहा है. नवंबर 2014 में बीजेपी के निर्मल नाहटा मेयर बने लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए दिसंबर 2016 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
बीजेपी ने पार्टी प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने के लिए सारी कोशिशें की. पार्टी के पार्षद रविवार शाम से ही अजमेर रोड पर एक निजी रिसॉर्ट में रह रहे थे. परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने विधानसभा परिसर में कहा, ''कांग्रेस ने लाटा का समर्थन किया. बीजेपी बंटी हुई थी और बीजेपी के लगभग 15 पार्षदों ने उन्हें वोट दिया.''